Book Title: Sramana 1991 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 188
________________ ( १८६ ) यह उदार दाताओं की ओर से स्वाध्याय प्रेमी, मुनिराज, महासतियां जीव पुस्तकालय को भेंट भेजी जा रही है । इच्छुक सज्जन दीपावली तक २ रुपये के डाक टिकट भेज कर इसे प्राप्त करें : शोक समाचार जैन विद्या के विशिष्ट विद्वान् एवं वयोवृद्ध सिद्धान्ताचार्य पं० फूलचन्द जी शास्त्री का देहावसान ३१ अगस्त १९९१ को हो गया । आपने अपना पूरा जीवन जैन साहित्य की सेवा में समर्पित कर दिया था, आपकी मृत्यु से जैन साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति हुई है । विद्याश्रम परिवार आपकी दिवंगत आत्मा की शान्ति हेतु प्रार्थना करता है । X डॉ० सोहनलाल जी संचेती केसरवाड़ी, चांदी हाल, जोधपुर (राज० ) ३४२००१ X Jain Education International लाला श्री अमरचन्द्र जैन की धर्म पत्नी श्रीमती सुशीला देवी जैन का २९ अगस्त १९९१ को निधन हो गया । आप पार्श्वनाथ विद्याश्रम के सचिव श्री भूपेन्द्रनाथ जी जैन के बड़े भ्राता श्री अमरचन्द जी जैन की पत्नी थीं । आपके निधन से विद्याश्रम परिवार ने अपना सहयोगी खो दिया है । विद्याश्रम परिवार मृतात्मा की शान्ति की प्रार्थना करता है तथा उनके परिजनों से और विशेष रूप से उनके सुपुत्र इन्द्रभूति जी से धैर्य धारण करने का निवेदन करता है । X साभार प्राप्ति : श्री कनकनन्दी जी द्वारा रचित एवं धर्म-दर्शन विज्ञान शोध - प्रकाशन ( बड़ौत, मेरठ) द्वारा प्रकाशित १७ ग्रन्थ प्राप्त हुए । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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