Book Title: Sramana 1991 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 187
________________ ( १८५ ) थे। गोष्ठी में पण्डित दलसुखभाई मालवणिया, प्रो० सागरमल जैन प्रो० ए० के० बनर्जी सहित अनेक विद्वानों ने जैन साधना पर सारभित व्याख्यान दिये। उपस्थित श्रोताओं की ओर से जैन साधना से सम्बन्धित अनेक प्रश्न एवं जिज्ञासाएं प्रस्तुत की गई जिसका सम्यक समाधन प्रो० सागरमल जैन द्वारा किया गया। ___ सुरेश सिसोदिया आगम, अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान, __उदयपुर आत्म-जन्म जयन्ती महोत्सव श्री आत्माराम जैन मेमोरियल ट्रस्ट, लधियाना द्वारा दि० २१२० मिनम्बर को 'आत्म-जन्म-जयन्ती महोत्सव' का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन में आचार्य सम्राट श्री आत्माराम जी महाराज के गुणानुवाद हेतु विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इन कार्यक्रमों में श्वेता० जैन परम्परा की तीनों धाराओं के साधु-साध्वियों ने भाग लिया एवं आचार्यश्री के चरणों में श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। इसी महोत्सव में 'आत्म रश्मि' के सम्पादक श्री तिलकधर शास्त्री का बहुमान किया गया तथा श्री हीरालाल जैन के प्रशंसनीय कार्यों का उल्लेख किया गया। श्री तिलकधर शास्त्री, श्री टी० आर० जैन एवं श्री हीरालाल जैन आदि ने 'विश्व मैत्री एवं विश्व-एकता पर व्याख्यान दिये और अन्त में साध्वी (डा०) मुक्ति प्रभा एवं साध्वी (डा) दिव्य प्रभा के मंगल पाठ के साथ महोत्सव पूर्ण हुआ। स्वाध्यायियों के लिए सुनहरा अवसर अनुयोग प्रवर्तक पं० रत्न मुनि श्री कन्हैयालाल जी म० 'कमल' द्वारा सम्पादित एवं आगम अनुयोग ट्रस्ट, अहमदाबाद से प्रकाशित समवायांगसूत्र (मूल पाठ) शुद्ध व सून्दर संस्करण, दुरङ्गी छपाई सरल हिन्दी शीर्षकों से युक्त गुटका साइज में प्रकाशित हुआ है। इसका मुल्य २१/- है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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