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धर्मरुचि [ वि० सं० १५६१, ई० सन् १५०५ में अजापुत्र चौपाई के रचनाकार ]
साहित्यिक और अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर निर्मित उपकेशमच्छीय सिद्धाचार्य संतानीय शाखा के आचार्यों की तालिका
तालिका-४
श्रमण, जुलाई-सितम्बर, १९९१
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कक्कसूरि [ वि० सं० १३१५-२३४५ ] प्रतिमालेख
देवगुप्तसूरि [वि० सं० १३४७] प्रतिमालेख सिद्धसूरि [वि० सं० १३८५ ] प्रतिमालेख
कक्कसूरि त पाटि मुणींद, आगम कमला विकासन दिणंद | लोपी मिथ्यामय विषकंद समकित अमृतकला गुरु चंद ॥ ३६ ॥ सूरि शीरोमणी देवगुप्त, जाइ पाय जस नाम पवित्त | विघ्न टलइ सवि संपद मिलइ, गुरु नामइ चिंतित फलइ ||३७|| चिंतामणी कामधेनु समान, रत्नत्रय जिम नाम प्रधान । अलिय निवारी देव सचि आवी, वीरजिणेश्वर नमइशि भावि ॥३८॥ कक्कसूरि केरा शिष्य, श्री धर्महंस पय नामक शिष्य । धर्म्मरुचि बोलइ तास पसाइ, रची चउपइ अजापुत्रराय ॥३९॥ देसाई, पूर्वोक्त, पृष्ठ २१८-२१९
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