Book Title: Sramana 1990 01
Author(s): Sagarmal Jain
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 58
________________ तालिका संख्या-५ वादीन्द्र धर्मघोषसूरि Jain Education International देवेन्द्रसूरि देवप्रभसूरि यशोभद्रसूरि [१. आगमिकवस्तु विचारसार २. गद्यगोदावरी] For Private & Personal Use Only ( ५८ ) रविप्रभसूरि देवसेनसूरि रत्नप्रभसूरि जिनचन्द्रसूरि प्रद्युम्नसूरि [विचारसारप्रकरण के रचनाकार) उदयप्रभसूरि पृथ्वीचन्द्रसूरि आनन्दसूरि भवनचन्द्रसूरि मुनिचन्द्रसूरि [प्रवचनसारोद्धार [कल्पसूत्र [वि० स० १२+९] वि० सं० १३०४-५ कीविषमपदव्याख्या टिप्पनक] (लेख-दिलवाड़ा] [लेख-तारंगा] अमरप्रभसूरि गुणचन्द्रसूरि रत्नाकरसूरि वि० सं० १३३९ वि० सं० १३४३ ज्ञानचन्द्रसूरि वि० सं० १३७८-९४ [करहेटक-प्रतिमालेख] [शत्रुञ्जय-प्रतिमालेख (प्रतिमालेख, दिलवाडा) www.jainelibrary.org

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