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पपाणंदमूरि
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गुणसुन्दरसूरि वि० सं० १५३२ [१ प्रतिमालेख
नदिवर्ध नसूरि वि० सं० १५५५-१५७७ [१० प्रतिमालेख]
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पुण्यराजसूरि इनके उपदेश से लघक्षेत्र समास की वि० सं० १५५० में । प्रतिलिपि तैयार की गयी]
उदयराजसूरि [वि० सं० १६१७ में इनके पठनार्थ कल्पसूत्र की प्रतिलिपि तैयार की गयी।
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