________________
पास १५०१ माघ सुाद १०
सोमवार
महीतिलकसूरि के शिष्य विजयप्रभसूरि
रातार
Jain Education International
पद्मप्रभ की प्रतिमा चन्द्रप्रभ जिनालय, नाहर, पूरनचंद का लेख आमेर पूर्वोक्त, भाग
लेखांक ११४४ एवं विनयसागर, पूर्वोक्त,
लेखांक ३४८. अभिनंदन स्वामी शांतिनाथ विनयसागर, पूर्वोक्त की प्रतिमा जिनालय, रतलाम लेखांक ३५३ का लेख
१०८ १५०१ फाल्गुन सुदि १३ पद्मशेखरसूरि के
शनिवार पट्टधर विजयचन्द्रसूरि
For Private & Personal Use Only
१०९ १५०३ ज्येष्ठ सुदि ११
॥
११०
"
"
अजितनाथ की प्रतिमा का लेख आदिनाथ की प्रतिमा का लेख शांतिनाथ की प्रतिमा का लेख
चिन्तामणि जी नाहटा, पूर्वोक्त का जिनालय, लेखांक ८६६ बीकानेर वीर जिनालय, नाहर, पूरनचंद बोहरनटोला, भाग २ लखनऊ
लेखांक १५४७ शांतिनाथ जिनालय, वही नमकमंडी, आगरा पूर्वोक्त, भाग २
लेखांक १४९२
१११ १५०३ माघ सुदि ५
महीतिलकसूरि
www.jainelibrary.org