Book Title: Shrutsagar Ank 2013 10 033 Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba View full book textPage 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org संपादकीय श्रुतसागरनो ३३मो अंक आपश्रीना हाथमां छे. जन्मनो प्रसंग ज आनंद आपनार होय छे. जेमना जन्मथी केटलायना जीवन परिवर्तन जोडायेला होय एवा महापुरुषोना जन्मथी जननी अने जन्मभूमि एक अनेरुं गौरव प्राप्त थाय छे. महापुरुषोनुं जीवन केटलाय जीवनने बदलावी शके छे. आवा जन्मना वधामणानो दिवस एटले ज जन्मवर्धापन दिवस. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पू. गुरुभगवंतश्रीना जन्म, जीवन, जननी अने जन्मभूमिना चिक्कार गुणगान करवानुं पर्व एटले जन्मवर्धापन पर्व प. पू. आचार्य भगवंतश्रीना जन्मदिन निमित्ते आवुं ज एक पर्व आंबावाडी श्री संघ अने श्री महावीर जैन आराधना केन्द्रना उपक्रमे आयोजित थयुं. आ अंकनी वात गुरुभक्ति अने गुरुऋणमुक्तिना आ पावन अवसरे आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर परिवार तरफथी कैलासश्रुतसागर ग्रंथसूचिनो १६मो भाग. विश्वकल्याण प्रकाशननी ६ पुस्तकौनुं विमोचन अने श्रुतसागर विशेषांक नं. ३२ नुं विमोचन आ प्रसंगे सानंद संपन्न थयुं. आ प्रसंग उपस्थित सहुनी स्मृतिमां चिरंजीव बनी रह्यो. आ अंकमा एक साव नवी भात पाडे एवी कृति मिरचकल्प अत्रे प्रकाशित करी छे. जैन परंपराने बाधित केटलाक प्रयोगो ग्रंथकारे नोंध्या होवा छता कृतिनी अखंडता माटे ज एने अत्रे यथावत् प्रकाशित कर्या छे. वाचकोए आ वात खास ध्यानमां लेवी. अनुभवसंपन्न महापुरुषो द्वारा लखायेला वैदक प्रयोगो जीवनमां उपयोगी नीवडे एम छे. रोजींदा वपराशमां आवती वस्तुओना विविध फायदाओ जणावता आवा हज्जारो प्रयोगो कागळ उपर लखायेला अने समृद्ध ज्ञानभंडारोमां सचवायेला छे. सामान्य तकलीफोमां आवा प्रयोगो असरकारक पण बनी शके छे. ए प्रयोगोनो अनुभव करवा माटे जाणकार व्यक्ति, योग्य सामग्री, अने योग्य मात्रानी नितांत आवश्यकता रहे छे. तेमज आ साथे जयपुरथी ज्ञानमंदिरना नियमित वाचक अने अध्ययनरत श्री For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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