Book Title: Shrutsagar Ank 2013 10 033
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 24
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अक्तूबर - २०१३ आशिष आपकी पाकर हमने, भाग्य अपना चमक चमकाया, दिन बीते-बरसो बीते याद रहेगा जो पल संग-संग गुजारा. ज्जवल... माँ शारदा का भी मिला आपको, अनुग - गजब वरदान, हर शब्द जुबाँ से आपकी, निकलता बनकर ग्रंथ महान, आंबावाडी मंदिर की प्रतिष्ठा, है कैलाशसागर का उपहार, रजत महोत्सव को दिया आपने, प्रकाश अपरंपार. हीम से उज्जवल... करजोड जितेन्द्र आज आपसे, करता अंतर मनसे प्रार्थना, उमर सारे भक्तो की आपको, लग जाये ये है हमारी भावना, कृपा सदा ही बरसाते रहना, ताकी जीवन बने उजीयारा, हीम से उज्जवल शशि से शीतल, है गुरूवर रूप तुम्हारा. गुरुवर। शत शत प्रणाम... मुकेश शाह हे पद्मसागर! तू आया है, मेरे जीवनमें मंगल बनकर तेरी दुआओं को सराहूं मैं, प्रमुकी इनायत समझ कर तेरे हाथ मेरे सर पर है, इसे मैं समजूं खुदा की महेर तेरा सहारा ही एक मेरी जीवननैया को करा दे पार करा दे पार और तूटे संसार हे गुरुवर! तुझे हो हमारे शत शत प्रणाम! तुझे हो हमारे कोटि कोटि प्रणाम! हे पद्मसागर तू है खेवैया हमारा काबिलेदाद! हमारी जीवन पतवार का तु है सुकानी और ना खुदा हमें है एतबार की तू पहुँचायेगा हमें मंझिले पार और लाजम ही होगा जल्द ही हमारा बेडा पार जल्द ही हमारा बेड़ा पार For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36