Book Title: Shrutsagar Ank 2013 05 028
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ८ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गति आगति व्यंतर ज्योतिष, भवणेसर सुरवर सारिखी । पांच गतिनइ आगति दोइ, प्रवचनवचन विमासी जोइ || १८ || दुन्नि कल्प सौधर्म - ईसाण, पंचय गति आगति बिहु जाणि । आदिइ देइ सनतकुमार, ऊपरि अष्टम सहसार ||१९|| पंचेद्री तियच विचारि, मानव दंडक बेहू मझारि । जाइ अनइ आवइ ते वली, इम बोल्यउं प्रवचनि केवली || २० ॥ मई २०१३ कल्पच्यारि एथी ऊपिल्या ग्रैवेयक अणुत्तर भला । मानव भवनउ दंडक एक, गति आगतिनउ कहिउ विवेक ||२१|| इम चउवीसइ दंडक भम्यु, आलइ मानव भवनी गम्यु । हिव आव्यु तुम्ह सरणा भणी, बंधन छोडि न त्रिभुवनधणी ।।२२।। सामी सेवकनइ साधारि, मुझनइ अवर नहीं आधार । पासचंद करजोडी कहइ, प्रभु प्रसादि परमारथ लहइ || २३ || || इति चउवीसद्दंडकस्तवनं समाप्तः ।। ज्ञानमंदिरनां नवा प्रकाशनो कथादीप * नैन बहे दिन रैन * सुप्रभातम् - For Private and Personal Use Only * कैलास श्रुतसागर ग्रंथ सूचि भाग १४-१५ * रास पद्माकर २ शांतसुधारस (आचार्य श्री विजय भद्रगुप्तसूरिजी लिखित ) भाग १ - २-३ ज्ञानमंदिरना आगामी प्रकाशनो : आचार्य श्री विजय भद्रगुप्तसूरि : आचार्य श्री विजय भद्रगुप्तसूरि : आचार्य श्री विजय भद्रगुप्तसूरि

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