Book Title: Shrutsagar 2019 11 Volume 06 Issue 06
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 5 g v श्रुतसागर नवम्बर-२०१९ अनुक्रम १. संपादकीय रामप्रकाश झा २. गुरुवाणी आचार्य श्री बुद्धिसागरसूरिजी ६ ३. Awakening Acharya Padmasagarsuri ७ ४. श्रीशनुंजय महातीर्थ छ'री पालित संघयात्रा स्तवन गजेन्द्र शाह ५. २४ जिन १३८ पूर्वभववर्णन स्तव पंकजकुमार शर्मा ६. वासुपूज्यजिन स्तवन गणि सुयशचंद्रविजयजी ७. गुजराती माटे देवनागरी लिपि के हिन्दी माटे गुजराती लिपि हिन्दवी ८. प्राचीन पाण्डुलिपियों की संरक्षण विधि राहुल आर. त्रिवेदी ९. पुस्तक समीक्षा रामप्रकाश झा १०. समाचार सार una ň m m mm दुर्जन तजै न कुटिलता, सज्जन तजै न हेत । कज्जल तजै न श्यामता, मुक्ता तजैन श्वेत ॥ प्रत क्र. २७९२ भावार्थ- जिस प्रकार काजल अपनी कालिमा नहीं छोड़ता है, मोती अपनी उज्वलता नहीं छोड़ता है, उसी प्रकार दुर्जन पुरुष अपनी दुष्टता नहीं छोड़ते हैं और सज्जन पुरुष भलाई नहीं छोड़ते हैं। * प्राप्तिस्थान * आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर तीन बंगला, टोलकनगर, होटल हेरीटेज़ की गली में डॉ. प्रणव नाणावटी क्लीनिक के पास, पालडी अहमदाबाद - ३८०००७, फोन नं. (०७९) २६५८२३५५ For Private and Personal Use Only

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