Book Title: Shrutsagar 2019 11 Volume 06 Issue 06
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 27
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir November-2019 ॥४॥तुं मेरे... ॥५॥तुं मेरे... ॥६॥तुं मेरे.. ॥७॥तुं मेरे... SHRUTSAGAR वसुपूज्य केरो नंदन, जयादेवी {अ}-उअरि मराल ललना। सीति(त्त)रिधनुष तनु सोहतुं, रक्तवरण विशाल ललना नयणकमल अनिआलडां, मुख-जीत्यो पु(पू)निमचंद ललना। निलवरि दीपइ दिनकरू, जीह अमीनो कंद ललना मस्तकि मणि रयणे जड्यो, मुगर सोहि{अ} उदार ललना। कुंडल दो रवि शशि(शी) जीपता, कंठि एकाउलि हार ललना अंगि आंगी शोभती, विव(वि)धि(ध) कथिया-भाति ललना। अगर चंदन बहु महिमहि, बहुत फुलनी जाति ललना दमणो मरुउ केतकी, जु(जू)ही जाय गुलाब ललना। नर नारी बहु भगति करि, कापि का(पा)ति[ग] उदार(?) ललना तुं कामि तरूवर(कुंभ) सुरतरू, तुझ नामि हुइ जयकार ललना। वंछित-पदारथ तुझ नामि, तुं जयो जयो जगदाधार ललना अचिंत चिंतामणि तुं सही, तुं प्रभु गरीबनिवास ललना। तुझ [पद]पंकज सेवतां, वंछित सीझइ काज ललना तपगच्छगगनि दिवाकरू, श्रीविजयसेनमुनिंद ललना। गुणविजय शिष्य गुणस्तवि, हर्ष धरी आणंद ललना ॥इति ॥ __ * . * ॥८॥तुं मेरे... ॥९॥तुं मेरे... ॥१०||तुं मेरे... ॥११॥तुं मेरे.. F" क्या आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं ? __ आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा में आगम, प्रकीर्णक, औपदेशिक, आध्यात्मिक, प्रवचन, कथा, स्तवन-स्तुति संग्रह आदि विविध प्रकार के साहित्य प्राकृत, संस्कृत, मारुगुर्जर, गुजराती, राजस्थानी, पुरानी हिन्दी, अंग्रेज़ी आदि भाषाओं में लिखित विभिन्न प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित बहुमूल्य पुस्तकों का अतिविशाल संग्रह है, जो हम ज्ञानभंडारों को भेंट में देते हैं। भेंट में देने योग्य पुस्तकों की सूची तैयार है। यदि आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं, तो यथाशीघ्र संपर्क करें। पहले आने वाले आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रंथपाल For Private and Personal Use Only

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