Book Title: Shrutsagar 2017 08 Volume 04 Issue 03
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संपादकीय रामप्रकाश झा श्रुतसागर का यह नवीन अंक आपके करकमलों में सादर समर्पित करते हुए अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है। इस अंक में गुरुवाणी शीर्षक के अन्तर्गत योगनिष्ठ आचार्यदेव श्रीमद् बुद्धिसागरसूरीश्वरजी म. सा. की कृति “कक्कावलि” का अन्तिम भाग प्रकाशित किया जा रहा है। इस कृति में वर्णमाला के अक्षरों के अनुसार मानव-जीवन के कल्याण हेतु सार्थक उपदेश दिए गए हैं, द्वितीय लेख राष्ट्रसंत आचार्य भगवंत श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. के प्रवचनों की पुस्तक Awakening' से क्रमबद्ध श्रेणी के अंतर्गत संकलित किया गया है, जिसके अन्तर्गत जीवनोपयोगी प्रसंगों का विवेचन किया गया है। अप्रकाशित कृति प्रकाशन स्तंभ के अन्तर्गत इस अंक में गणिवर्य श्री सुयशचन्द्रविजयजी म. सा. द्वारा संपादित “नवांगी पूजा” प्रकाशित की जा रही है, जो अद्यावधि सम्भवतः अप्रकाशित है। इस कृति के नौ ढालों में नौ प्रकार के द्रव्यों से प्रभु की नवांगी पूजा का विवेचन प्रस्तुत किया गया है, साथ ही नवांगी पूजा से प्राप्त होनेवाली नौ खंडों की ऋद्धि, नवनिधि आदि समृद्धियों का भी वर्णन किया गया है। प्रत्येक ढाल में प्रभु के प्रत्येक अंगों की पूजा के प्रभावों का सुन्दर वर्णन किया गया है। यह कृति सभी आराधकों हेतु अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी। पुनःप्रकाशन श्रेणी के अन्तर्गत इस अंक में भद्रबाहुस्वामी व चन्द्रगुप्त के विषय में प्रचलित दिगम्बर मान्यताओं का खण्डन करते हुए सातवें पाट पर अवस्थित स्थूलिभद्रजी का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया गया है। ____ आशा है, इस अंक में संकलित सामग्रियों के द्वारा हमारे वाचक लाभान्वित होंगे व अपने महत्त्वपूर्ण सुझावों से अवगत कराने की कृपा करेंगे, जिससे अगले अंक को और भी परिष्कृत किया जा सके। For Private and Personal Use Only

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