Book Title: Shrutsagar 2017 08 Volume 04 Issue 03
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 22
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org 20 श्रुतसागर अगस्त २०१७ ॐ ह्रीँ श्रीँ परमपरमात्मने अनन्तानन्तज्ञानशक्तये जन्म-जरा-मृत्युनिवारणाय [श्रीमज्जिनेन्द्राय ] जलं' चन्दनं` अक्षतं फलॆ फूल' धूप दीप नैवेद्यं यजामहे स्वाहा ।। ॥ अथ छठी पूजा ॥ ॥ दुहा ॥ तिरथंकरपदपुण्यथी, त्रिभुवनजनसेवंत; त्रिभुवनतिलक समा प्रभु, भालतिलक जयवंत भाले भाग्यकला भली, भाले तेज भनंक'; ते प्रभुजीना भालमां, कीजे तिलक तनंक' Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हां रे अध्यातम रंग-महेलमां हो लाल, हां रे अनुभव गोखे बेठे देव; प्यारे० ते रूप मूरति छे इहां हो लाल, हां रे साहिबनी करस्यां सखरी" सेव 11211 ।। ढाल ।। रमवा जावा दे पना मने रमवा जावा दे, मारी सहियर जोवे वाट पना मने खेलवा जावा दे - ए देशी ॥ पूजने जावादे प्यारे मोकु पूजने जावादे; मेरो साहिब ए सुलतान, प्यारे० (टेक) भणस्युं पूजा रे, छट्ठी भालनी हो लाल, हां रे भलेरा भाग्य भले रे लाल प्यारे० लिखे विधि-लेख छट्ठी रातडी हो लाल, हां रे रातडियो टीको लाख लाल ॥१॥ प्यारे ० मे चांदलो चंदने चरचियो हो लाल, हां रे ओपावो सिद्धसिल्ला सीआडि; प्यारे ० लिखमी वहु रे जिहां लाडकी हो लाल, हां रे कांइ नीला' जास निलाड' ॥२॥ प्यारे० भलो होय ते भलो करे आपणो हो लाल, हां रे करावे लीलावालो लील; प्यारे ० रसियो जांणे रे रसनी वातडी हो लाल, हां रे केसरियो रसियो वीर वकील ||३|| प्यारे० ऊंचा ऊंचा भाल प्रभु आदिनाजी लाल, हां रे कांइ नीची नीची भ्रूह-कबांन'; प्यारे० एलची चंदन चूआ चापडो' जी लाल, हां रे सोभावो भाल भले रेवांन ॥४॥ प्यारे ० तीन रेखा छे जेहना भालमां हो लाल, हां रे करिस्यां केसरलीटी तीन; प्यारे० तीन रोम तन्न एक ठोर ै छे जी लाल, हां रे तीनुंथी तीनुं लोकाधिन इंद्र चंद्र रवि गिरिइंद्रना जी लाल, हां रे लेईने गुण घड्यं जेहनुं अंग; प्यारे० भाग्य लाव्या छे प्रभु किहां थकी हो लाल, हां रे कपालमां अक्षर राते रंग ॥ ६ ॥ प्यारे० भरी पिचकारि पतंगनी हो लाल, हां रे प्रभुने भाले छांटे छेल; प्यारे० ठकुराइ ऋषभनी ठाउकी हो लाल, हां रे रेहवाने शिव किलासी' - महेल ॥७॥ प्यारे० ॥५॥ प्यारे० For Private and Personal Use Only ॥२॥ ॥८॥ प्यारे ० 1. घणुं(?), 2. ताणीने-सारी रीते, 3. (?), 4. आर्द्र, 5. ललाट, कपाळ, 6. धनुष्य, 7. (?), 8. स्थान, 9. कैलासी-मोक्षरूपी(?), 10. सुंदर.

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