Book Title: Shrutsagar 2017 08 Volume 04 Issue 03
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 31
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रमण भगवान महावीरस्वामी पछीना एक हजार वर्षनी गुरु परंपरा (गतांकथी आगळ...) मुनिश्री न्यायविजयजी दिगंबर मान्यतानो जवाब भद्रबाहुस्वामी माटे दिगंबर ग्रंथोमां तेमनां वखते श्वेतांबर दिगंबरनां भेद पड्या; मौर्य सम्राट चंद्रगुप्ते तेमनी पासे दीक्षा लीधी वगेरे वातो मळे छे. परन्तु वीर नि.सं. १५०मां चद्रगुप्त राजा हतो ज नहिं. वळी भद्रबाहुस्वामी पोतानां स्वर्गगमन वखते दक्षिणमां गया ज नथी. आ रह्यां ए संबंधी दिगंबर विद्वानोनां मतोः १. श्रवणबेलगोलना चंद्रगिरि पर्वतमांना एक शिलालेखमां भद्रबाहु अने चंद्रगुप्तनो उल्लेख छे. आ लेख शक सं. ५७२ आसपासनो होवानुं अनुमान छे. आ उपरथी एटलो निर्णय थाय छे के विक्रमनी आठमी सदीना प्रारंभमां दिगंबरोमां ए मान्यता हती के मौर्य सम्राट चंद्रगुप्ते भद्रबाहु पासे दीक्षा लीधी हती. पण ए लेखमां भद्रबाहुने न तो श्रुतकेवली लख्या छे के न तो चंद्रगुप्तने मौर्य लख्यो छे. २. हरिषेणकृत 'बृहत्कथा कोश'मां मळे छे के उज्जयिनीनां राजा चंद्रगुप्ते भद्रबाहु पासे दीक्षा लीधी हती. आ उपरथी स्पष्ट सिद्ध थाय छे के पाटलीपुत्रनां मौर्य चंद्रगुप्ते दीक्षा नहोती लीधी. किन्तु उज्जयिनीनां चंद्रगुप्ते दीक्षा लीधी हती. अर्थात् आ चंद्रगुप्त पण जुदो अने भद्रभाहु पण जुदा. वळी आ ग्रंथ शक सं. ८५३ नो बनेलो छे एटले प्राचीन पण न गणाय. ३. पार्श्वनाथ वसतीमां शक सं. ५२२ नी आसपासनो एक शिलालेख मळे छे, तेमां साफ लख्यु छ के- “श्रुतकेवली भद्रबाहुस्वामीनी परंपरामां थयेल निमित्तवेत्ता भद्रबाहुए दुकाल संबंधी भविष्यवाणी करी.” अर्थात् आ निमित्तवेत्ता भद्रबाहु जुदा अने श्रुतकेवली भद्रभाहु जुदा समजवा. ४. भट्टारक रत्ननंदीकृत “भद्रबाहु चरित्र” जे १६मां सैकानां प्रारंभर्नु छे, तेमां तो चंद्रगुप्तने अवन्ति देशने जीतनार अने उज्जयिनीनां राजा तरीके संबोध्यो छे. अर्थात् जेणे दीक्षा लीधी हती ते राजा चंद्रगुप्त मौर्य चंद्रगुप्त न हतो. ५. भट्टारक शुभचंद्रजी तो प्रथमांगधर भद्रबाहुने ज संबोधे छे. अर्थात् श्रुतकेवली भद्रबाहु साथे मौर्यसम्राट चंद्रगुप्तने कशी संबंध नथी. ६. सरस्वती गच्छनी नंदीपट्टावलीनो जेमनाथी प्रारंभ थाय छे ते बीजा भद्रबाहु For Private and Personal Use Only

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