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अर्थ यह है कि वह जाति अपने दैनिक जीवन में सुधरे हुए साधनों का व्यवहार करती है। अर्थात् शारीरिक अावश्यकताओं की पूर्ति के लिये उसके पास श्राधुनिक वैज्ञानिक साधन हैं और वह सदा इस बात के लिये प्रयत्नशील रहती है कि शरीर को अधिक से अधिक सुख और मज़ा मिले। अमरीकन लोग बड़े सभ्य है; क्योंकि वे बिजली से खाना बनाते हैं और ट्रैक्टरों द्वारा खेती करते हैं। उनके यहां इक्के तांगे जैसी कोई सवारी नहीं, और उनकी आबादी के प्रत्येक चौथे व्यक्ति के पास अपनी मोटरकार है । जो जातियां अाज वैज्ञानिक साधनों का प्रयोग करती हुई अपने जीवन स्तर को ऊँचा उठाती चली जाती हैं, वे जातियां सभ्य कहलाती हैं अंगरेज़ी भाषा में सभ्यता के लिये 'Civilization' शब्द का व्यवहार किया जाता है। इन जातियों की जीवन आवश्यकताएं उत्तरोत्तर बढ़ती जाती हैं और बढ़ती रहेंगी; क्योंकि इन का मुंह सभ्यता की ओर है। ये प्राकृतिक पदार्थों तथा भोगों के अन्दर ही सुख शान्ति की तलाश करती हैं, बिन का कहीं अन्त ही नहीं है।
इन जातियों के पास संस्कृति अर्थात् 'Culture' या 'तसद्द त' भी है किन्तु वह सभ्यता के पीछे २ उस की चेरी बन कर चलती है । बे सुन्दर चित्र बनाएंगे, कलाकारों को उत्साहित करेंगे, कवियों को पुरस्कार देंगे और उत्कृष्ट कलायुक्त भवन बनाकर उस में निवास करेंगे, अपनी बोल चाल में होटलों तथा दुकानों में उन की भाषा मिष्ट और शिष्ट होगी। लेकिन उन सब का मुख्य लक्ष्य झेगा सभ्यता के खुदा 'धन' को प्रसन्न करना और दूसरों की जेबों में से पैसा निकालया। दूसरे शब्दों में वह सुसंस्कृत अवश्य है किन्तु अपनी सभ्यता को आगे बढ़ाने के लिये प्राकृतिक सुखों का मज़ा लूटने के लिये उन का सारा प्रयास रहता है। उन की वृत्ति बहिमुखी होने के कारण वे सभी
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