Book Title: Shraddhvidhi Prakaranam Bhashantar
Author(s): Jayanandvijay
Publisher: Jayanandvijay

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Page 9
________________ पृष्ठ २५४ २५५ ३४१ ३४२ ३४३ ३४३ ३४३ ३४३ ३४४ ३४४ '३४५ ३४९ ३४९ ३४९ ३५१ ३५६ ३५८ ३०४ विषय धनमित्र की कथा मध्याह्न का कर्तव्य सुपात्र दान कैसे करना? २५६ पात्र के प्रकार २५७ सुपात्रदान और परिग्रहपरिमाणव्रत के पालन ऊपर रत्नसारकुमार की कथा २५८ रत्नसार का पूर्वभव २९४ भोजन के समय २९६ भोजन २९७ स्वाध्याय ३०१ एडकाक्ष की कथा ३०२ प्रकाश-२ : रात्रिकृत्य ३०३ प्रतिक्रमण की श्रद्धा पर कथा प्रतिक्रमण का समय ३०५ पाक्षिक प्रतिक्रमण कब? ३०५ प्रतिक्रमण विधि ३०६ साधु सेवा ३११ सोने के पूर्व स्वाध्याय एवं धर्मोपदेश शीलांग रथ अनानुपूर्वि ३१३ धर्मदास ३१३ धन्यश्रेष्ठी सोने की विधि ३१६ वासना विजय ३१८ गति स्वरूप का चिन्तन मनोरथ . प्रकाश-३ : पर्वकृत्य ३२१ पौषध ३२४ धनसार की कथा ३२८ प्रकाश-४ : चातुर्मासिककृत्य ३३२ अप्राप्त वस्तु के त्याग का फल ३३३ नियम पालन का फल ३३६ प्रकाश-५ : वर्षकृत्य ३३९ विषय साधर्मिक वात्सल्य कैसे करना? दण्डवीर्य श्री संभवनाथ का पूर्वभव जगसिंह आभू संघवी सारंग सेठ तीन यात्रा कुमारपाल की रथयात्रा तीर्थयात्रा के स्वरूप का वर्णन उजमणा-उद्यापन उपधान गुरु भगवंत का प्रवेशोत्सव प्रायश्चित्त पाप छुपाने का फल प्रकाश-६ : जन्मकृत्य निवास कहाँ करना? घर कहाँ - कैसा? जिनमंदिर निर्माण जीवंतस्वामी की प्रतिमा जिन बिम्ब निर्माण प्रतिष्ठा महोत्सव दीक्षा महोत्सव पद महोत्सव पुस्तक लेखन पौषधशाला निर्माण ससम्यक्त्व व्रत ग्रहण दीक्षा ग्रहण भावश्रावक आरंभ समारंभ का त्याग ब्रह्मचर्य पालन श्रावक की पडिमा संलेखना उपसंहार प्रशस्ति ३५८ ३५९ ३६७ ३६९ ३७४ ३१२ ३७७ ३१४ ३७८ ३७८ ३७८ ३२० ३७९ ३८० ३८० ३८० ३८२ ३८२ ३८२ ३८३

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