Book Title: Shraddhvidhi Prakaranam Bhashantar Author(s): Jayanandvijay Publisher: Jayanandvijay View full book textPage 7
________________ विषय प्रथम प्रकाश ग्रन्थ के द्वार धर्म के योग्य धर्म के अयोग्य मूर्ख किसान पुत्र का दृष्टांत श्रावक के इक्कीस गुण शुकराज की कथा श्री दत्त केवली का चरित्र चंद्रशेखर का चरित्र श्रावक का स्वरूप सुरसुन्दर शेठ की स्त्रिओं की कथा त्रिविध का समाधान चार-चार भेद से श्रावक श्रावक शब्द का अर्थ श्राद्धशब्द का अर्थ दिनकृत्य जाप कैसे करें? धर्मजागरिका उत्तरार्द्ध की व्याख्या स्वप्न विचार माता-पिता को प्रणाम व्रत-नियम व्रत लेने का स्वरूप सचित्त-अचित्त का वर्णन सचित्त अचित्त विभाग सचित्तादि चौदह नियम पच्चक्खाण लेने की विधि गंठसी पच्चक्खाण का लाभ अशनादि चार का विभाग अणाहार वस्तु एकांगिक आहारादि पच्चक्खाण के स्थान पच्चक्खाण में तिविहार, चौविहार का नियम पवित्र होने की विधि मलमूत्रादिक त्याग की विधि अनुक्रम पृष्ठ २ २ ३ ३ ३ ७ २९ ४९ ५९ ५९ ६० ६१ ६२ ६३ ६३ ६६ ७० ७१ ७१ ७२ ७२ ७४ ७५ ७७ ८३ ८५ ८५ ८७ ८७ ८८ ८९ ८९ ८९ ९० विषय दांतन की विधि स्नान की विधि तुम्ब स्नान दृष्टांत भावस्नान अपवित्रता से पूजन में चांडाल का दृष्टांत पूजा में पहनने के वस्त्र की विधि दूसरे का पहना वस्त्र न पहनने पर कुमारपाल का दृष्टान्त पूजावसर में सप्त प्रकार की शुद्धि सर्व ऋद्धि से जिनवन्दन में दशार्णभद्र का दृष्टान्त इन्द्र के नाटक का वर्णन वाद्यों का वर्णन नाटक के नाम पांच अभिगम प्रदक्षिणा प्रभुपूजन जिहा की कथा प्रथम मूलनायक की पूजा जिनमंदिर की मनोहरता आशातना से बचना प्रतिमा की स्वच्छता प्रतिमाओं के संज्ञावाचक नाम प्रतिमा की संख्या अग्रपूजा नैवेद्य पूजा का प्रण (नियम) भावपूजा इक्कीस प्रकारी पूजा (श्री उमास्वाति कृत पूजा प्रकरण) पूजा कैसे न करनी पुष्प कैसे चढ़ाना स्नात्रविधि चैत्य में जो मकड़ी के जाले आदि हो जायें तो उन्हें निकालने की विधि आभोग - अनाभोग द्रव्यस्तव पृष्ठ ==== ९२ ९३ ९५ ९५ ९६ ९७ ९७ ९८ ९९ १०० १०० १०१ १०३ १०३ १०४ १०७ १०८ ११० ११० ११० १११ १११ १११ ११२ ११३ ११६ ११८ ११८ ११८ १२३ १२८Page Navigation
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