Book Title: Shastra Sandeshmala Part 24
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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उज्जग्गिरं ओण्णिदे, उच्छुरण-उच्छुअरणा इ उच्छुवणे । उम्हाविय-उवललया सुरए, तित्तिरहियम्मि उलुहलिओ ॥ ११७ ।। हिययरसोच्छलणे उग्गुलुंछिया य, उवएइया करिया। मुसलिम्मि उसणसेणो, तह उप्पिंगालिया करुच्छंगे ॥११८॥ उवकय-उद्धच्छवियं सज्जियं, उत्तलहओ विडवे । उलुउंडियं पलुट्टे, उंबरउप्पं अहूअअब्भुदए ॥ ११९॥ वलएसु उवलभत्ता उवलयभग्गा य णायव्वा । अलि-एरंडेसु उण्होदयभंड-उत्ताणपत्तया चेव ।। १२० ॥ छुरियग्गमुक्कपुष्कं घेत्तु य पायंगुलीहिं उप्पयणं । तं उड्डियाहरणं, उच्चुलउलियं कोउअत्तुरिए
॥ १२१ ॥ पासदुएणं परिवत्तणम्मि उत्थल्लापत्थल्ला । उत्तिरिविडि उद्बुद्धे, उत्तरणवरंडिया उडुवे
॥ १२२ ॥ उदं जलणर-कउहेसु, उड्डणो दीह-उसहेसु । उव्वुण्णं उव्विग्गे उच्छित्ते उब्भडे सुण्णे
॥ १२३॥ विसमुण्णयप्पएसे खिण्णे णिवहे य उद्धाओ। विक्खित्त-उक्खित्तेसु उच्छित्तं उम्मंडं अवि हढ-उव्वत्ते ॥ १२४ ॥ उक्खुंडो य अलाए णियरे वत्थेगदेसे य । उम्मच्छं असंबद्धे भंगीभणियम्मि कोहे य
॥ १२५ ॥ उक्खंडो उप्पीलो उग्घाओ तह य उद्दामो। संघाय-त्थउडेसुं, उव्यूरो समहिअत्थे वि
॥ १२६ ॥ खिण्णे सुण्णे भीए तहा उब्भड-कंत-पयडवेसेसु । उब्बिंबं, उच्चुल्लं पुण उव्विग्ग-अधिरूढ-भीएसु ॥ १२७ ॥ पडिसद्द-कुरर-विट्ठा-गविट्ठ-मणोरहेसु उड्डाणो। उव्वुकं पलवियए संकडए तह बलक्कारे
॥ १२८॥
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