Book Title: Shastra Sandeshmala Part 24
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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अंगम्मि वट्टमाणं गंधद्दव्वाहिवासभेए य । वत्थाहरणम्मि तहा अब्भुदयाऽऽवेयणम्मि वड्ढवणं
वात्तो विड- जारे, विल्लं अच्छे विलसिए य । ठाण - विचालेसुं विक्खंभो दीह-जघणेसु विक्खिण्णं विडिमो सिसुमिय-गंडेसु, दिट्ठ-वीसंतएसु विव्वाओ । खलभिक्ख-वेज्ज - वाविय - दाणेसु विप्पयं चेय विड्डिरं आभोग - रउद्देसु, विलास - जघणेसु विच्छेओ । विहि- गोसेसु विहाणो, संझा-चोरेसु य वियालो विरहो रह - कोसुंभे, वित्तई गव्वि-विलसिएसुं च । परिपाडियम्मि विचिए विरलम्मि य विच्छियं होइ विमलियं अवि पण्णत्तं मच्छरभणिए, ससद्दे य । विसमियं अमल - उत्थिएसु, विलइयं अहिज्ज - दीणेसु हय - विरलेस विरिंचिरं, अमलम्मि विरिंचिओ विरत्ते य । फाडिय - धारासुं विचिणियं, वीअं च विहुर- तक्काले वुण्णो भीअ - उव्विग्गेसु, चोर-मुसलेसु वेलू अ । से तह पल्लव-वल्ली - विलासेसु
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सीह - कुमुसु सठि - संफा, सह-संधारिया जोग्गे । सत्ती कतिवयवट्टुलदारू, सत्थ- सेहिया य गए
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॥ ६९७ ॥
।। ६९८ ।।
॥ ६९९ ॥
।। ७०० ॥
॥ ७०१ ॥
॥ ७०२ ॥
वेइद्धो उद्धीकय-विसंठुल- आविद्ध- सिढिलियंगेसु । वेआलो अन्ध-तमेसुं, वेयारियं अवि पयारिय-कचेसु ॥ ७०५ ॥ वेहविओ अणायर- कोवणेसु, वेलाइअं च मिउ - दीणं । वेल्लहलो मउअ - विलासीसुं, वोज्झरं अईअ- भीएसु अष्टमो वर्गः
॥ ७०६ ॥
॥ ७०३ ॥
॥ ७०४ ॥
॥ ७०७ ॥

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