Book Title: Shastra Sandeshmala Part 24
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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वम्हं रप्फे, वत्थी उडए, वल्लो सिसू, वहू चिविडा । वह-वट्टा, खन्धवण-मग्गा सीमाइ वत्ति-वइवेला ॥६४१॥ वज्जा अहिआरे, वल्लि-वल्लरी-विल्लरीउ केसेसु । वतु-विच्छड्डा णिवहे, वलही-ववणीउ कप्पासे ॥६४२ ॥ वडहो खगभेए, वसल-विड्ड-विअलंबला य दीहम्मि । वप्पीओ वप्पीहम्मि, वम्हलं केसरे चेअ
॥ ६४३ ।। णिद्दाकरीलयाए वयली वेली अ, वट्टिमं अहिए। वइओ पीए, वलिआ-विलमा जीवाइ, चुण्णिए वयरं ॥६४४ ।। वयडो अ वाडिआए, वंफिअ-वलिआ य भुत्तम्मि। वाहाकुले वणायं च, वद्दलं वक्कडं च दुद्दिणए ॥६४५ ॥ रज्जे वंडुअं, ओलीइ वडाली अ, वरओ कलमभेए। गाईइ वल्लई, वद्धयं वरं, वड्डिआ य कूवतुला ॥६४६ ॥ वणवो दवाणले, वज्जरा णई, वण्णयं य सिरिखण्डे। सण्डम्मि वद्धिओ, तह वहड-वणारा य वच्छयरे ॥६४७॥ वत्ताइ वग्गयं, पउरे वग्गेज्जो, दुमालिआ वणई। गोवन्द्रम्मि वणद्धी, वब्भयं अम्भोअमज्झम्मि ॥६४८ ॥ लहुजलवहे वहोलो वाहलि-विरया य, वज्जिअं दिढे। अत्थम्मि अ वव्वाडो, पमहेसुं तह य वंगच्छा वप्पीहो थूवे, वहुरा य सिवा, वट्टिवं च परकज्जे। णउलम्मि अ वग्गोओ, कणिट्ठसासू वहुव्वा य ॥६५०॥ वंजर-वहुण्णि-वच्छीवा णीवी-जेट्ठभज्ज-गोवेसु । वत्तारो वेडुल्लो अ गव्विए, ववहिओ मत्ते
॥ ६५१ ॥ वंगेवडु-वम्मीसर-वइरोडा कोल-काम-जारेसु । हढ-मालिअ-वायालीसुं ववसिअ-वड्डहुल्लि-वहढोला ॥६५२ ॥
॥६४९ ॥
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