Book Title: Shastra Sandeshmala Part 24
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पिंड़ी य मंजरीए, पिरिडी सउलीइ, पिच्छिली लज्जा। पिहुलं पिंसुलि-पिछोलीओ मुहपवणभरियतिणवज्जे ॥ ५०९ ॥ पियणं दुद्धे, आणाइ पिणाई, दाडिमम्मि पिंडीरं। उण्णापिपीलियाए य पिप्पडा, मक्कडम्मि पिंगंगो ॥५१० ॥ बलकारम्मि पिणाओ, पिअमा फलिणीइ, पिंजियं विहुए। पिलणं पिच्छिलदेसे, सही पिउच्छा, गुदम्मि पिटुंतं ॥५११ ॥ पिंजरुडो भेरुंडे, जंकिंचिप्पढिययम्मि पिप्पडियं । तणुए पिहोअरो, पंकसुरे पिट्ठखउरा य पेंढा य ॥५१२ ॥ पियमाहवि-पीणा पिकि-चउरंसा, पीढं उच्छुजंतम्मेि । पीई तुरए, पीलुट्ठ-पीडरइया य डड्ड-चोरवहू ॥५१३ ॥ पुंडे वच्च अत्थे, पुंडो गत्ते, पिउसियाय पुप्फा य। पुत्थं मिउ, मेले पुंपुआं, च पुव्वाड-पुप्पुआ पीणे ॥ ५१४ ॥ तरुणम्मि पुअंडो पेंडओ अ, पवरे पुरिल्लो अ। असईए पुण्णाली, पुण्णवत्तं पमोअहियवत्थे
॥ ५१५ ॥ पुडइय-पुंडइया तह पेरुल्ली-पेंडबाल-पेंडलिया। पिंडीकए, पुआइणि-पूयाओ पुण पिसायगहियाए ॥५१६ ॥ पुरुहूओ घूए, पुडइणी य णलिणी, पुलासिओ अग्गिकणे। असुरे पुरिल्लदेवो, उक्कंठाए य पुरुपुरिआ
॥५१७ ॥ आसीइ पुरिल्लपहाणा, पूणी पिचुलया, करी पूणो। पूरी वायगभंडे, पूअं दहियम्मि, पूरणं सुप्पे
॥ ५१८॥ पूरोढी कज्जवए, पूंडरिअं पेसणं च कज्जम्मि। पेल्लियं अवि पीडियए, पेयालं पेज्जलं पमाणम्मि पेरिज्जं साहिज्जम्मि, पेच्छओ दिट्ठमित्तअहिलसिरे। पिच्छम्मि पेहुणं, पेंडलो रसे, गोवयम्मि पेंडारो ॥ ५२०॥
૩૯૩
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438