Book Title: Shastra Sandeshmala Part 24
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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।। ५४५ ।।
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॥ ५४९ ॥
फलियारी दुव्वाए, फसलिय फसलाणिया कयविहूसे । फंफसओ लयभेए, फिक्की हरिसम्मि कारिमे फिप्पं फिड्डो वामणए, फुक्का मिच्छा, केसबंधणे फुंटा । फुक्की रजई, फुरियं च णिदिए, फुंफुया करीसग्गी फुल्लंधुओ अली, फूओ लोहारे, दलिद्दए फेल्लो । मालवहूइ फेलाया, वरुणे फेणबंध-फेणवडा फेसणं पिलणे, उग्गमम्मि फोसो, भयदरवे फोंफा । फडं अहिभोग-फणेसुं, फली य लिंगम्मि उसले य जुत्त-मलिणेसु फंसणं, अह सारे थासए य फसलं च । फेसो डर- सब्भावेसु, मुक्क - वित्थारिएसु फोइअयं फोडिययं राईधूमियं य सीहाइरक्खणविही य । बंधो भिच्चे, बब्भो वद्धे, बप्प - बलिया सुहड - पीणा बंधोल्लो मेलयए, बव्वाडो दाहिणकरम्मि । बहलं पंके, हासम्म बक्करं, बद्धओ य तउवट्टे बप्पीह-बंभणीओ चायय - हालाहलेसुं च । तुमुले बाल- बोलाय, बब्बरी केसरयणाए उच्छुसमतिणे बरुअं, गो-कमलेसुं बइल्ल - बंभहरा । बलवट्टी - बहुराणा सहि-असिधारा, सिवाइ बहुरावा बप्फाडलं अइउण्हे, हढे बलामोडि - बलमड्डा | बहुमुह-बालय- बाउल्ली खल- वणिउत्त-पुत्तियासुं च बिग्गाइ - बिआया जुअदो कीडा, बीलओ य ताडंके । असणम्मि बीअओ, बीजमलणखलयम्मि बीअजमणं तु ॥ ५५५ ॥ बुत्ती पुप्फवईए, बुक्का मुट्ठीइ, बुक्कणो कागे । विन्दम्मि बुंबुअं, बुंदिणी कुमारीसमूहम्मि
॥ ५५४ ॥
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