Book Title: Shastra Sandeshmala Part 24
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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णिठुहिअ-णिक्खसरिय-णिरुवक्कया थुक्क मुसिय-अकएसु । णित्तिरिडिअं च तुट्टे, णीसारो मंडवे चेय
॥३८९ ॥ णीसंपायं परिसंतजणवए, तह झुणिम्मि णीहरियं । णीसीमिओ य णिव्वासियम्मि, बाणम्मि णीलकंठी अ ॥ ३९० ॥ णीसणिआ णिस्सेणी, णीआरणं अवि बलिघडीए। णूला साहाए, पट्टवासियाए य णेडाली
॥ ३९१ ॥ णेउड्डो सब्भावे कूवतुलाए य णेलिच्छी। रवि-वणियसचिव-संढा णेसर-णेसत्थि-णेलच्छा ॥ ३९२ ॥ भद्दवअउज्जलदसमीऊसवभेअम्मि शेड्डरिया। उच्छुणिवीलणकंडे तहेव कुंडम्मि णंदं च
॥ ३९३ ॥ घाणे मूके णक्को, णण्णो कूवे खल-अग्गजेसुं च । कद्दमिए वइविवरे पओयणे णल्लयं णिमित्ते य ॥ ३९४ ॥ रय-दुद्दिणेसु णड्डलं, अह णद्धंबवयं अघिण-णिदासु । सब्भावे अभिप्पाए णाउड्डो, चोर-कंचणे णिक्खो ॥३९५ ॥ कउह-छउमेसु णिव्वं, णिययं रय-सयण-सासय-घडेसु । सुत्तोट्ठिए गिरासे उब्भड-अकिवेसु अ णिविट्ठो ॥३९६ ।। सेय-गणेसु णिहाओ, पुढे उव्वेढिए णिरग्घो अ। चोर-ट्ठिय-पुट्टेसु णिरक्कं, उज्जुअ-दढेसु णिप्पिच्छं ॥३९७ ॥ पयड-उज्जु-रिऊसु णिराओ, गिट्टकं च टंकिए विसमे । णिहुअं णिव्वावारे तुहिक्के तह य सुरयम्मि
॥३९८॥ णिव्वलियं जलधोए पविगणिए विहडिए चेय। वायस-मूकेसु णिउक्कणो, णिहेलणं अगार-जघणेसु ॥३९९ ॥
पञ्चमः वर्ग: तंबा गाई, तंटे, पुटुं, सुत्त-उप्पलेसु तग्ग-तणा। तट्टी वईइ, सोगम्मि तमो तवणी य भक्खम्मि ॥४०० ॥
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