Book Title: Shastra Sandeshmala Part 24
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 394
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥ ४४२ ॥ दाओ पडिहू, कंचीइ दार-दोरा य, दालियं णयणे। दारिय-दारद्धंता-दादलिया वेस-पेड-अंगुलिया ॥४३७ ॥ दियहम्मि दिओ, सुण्णार-अणत्थेसुं, दियज्झ-दिप्पंता। दिव्वासा चामुंडा, जडे दिअलिओ, दियाहमो भासे ॥ ४३८ ॥ सयभोअणे दिअसियं, पुव्वण्हयभोअणे य दिअहुत्तं । बाले दिल्लिंदिलिओ य दुद्धगंधियमुहो चेय ॥४३९॥ दियधुत्तओ य कागे, ककिंडे दीवओ चेव । संखम्मि दीहजीहो, दुल्लं वत्थम्मि, दुत्ति सिग्घम्मि ॥४४० ॥ दुत्थं दुक्खं जहणे, दुली य कुम्मम्मि, दुद्धओ णिवहे। माघण्हाणे दुक्कर, अवि दुब्बोल्लो उवालंभे ॥ ४४१ ।। दुद्दोली अ दुमाली, दुल्लग्गं अघडमाणम्मि। दूहवजणम्मि दुत्थोह-दूसला दूहलो चेअ दुम्मुह-दुमणीओ कवि-छुहासु, दुग्घुट्ट-दूणया हत्थी। दुज्जायं वसणे, दुक्कुहो असहणम्मि, दुद्दमो दिअरे ॥४४३ ।। दुहओ खुण्णे, दुण्णिक्क-दुण्णिक्खित्ता य दुच्चरिआ । दुंदुमिणी रूववई, गलगज्जिययम्मि दुंदुमियं ॥ ४४४॥ दुल्लसिया दासीए, दुरंदरं दुक्खउत्तिण्णे। दुद्धोलणी दुहिअदुज्झाए, तिमिरे दुरालोओ ।। ४४५ ॥ संढे दुअक्खरो, तह दुमंतओ केसबंधम्मि। दुम्मइणी-दुत्थुरुहुंडाओ तह कलहसीलाए ।। ४४६॥ सरियाइ दुंबवत्ती दुक्कुक्कणिया पडिग्गहए। लज्जदुमणम्मि दूहट्ठो, देहणि-दोहणीउ पंकम्मि पिकम्मि देवउप्फ पुप्फे, दोग्गं च जुयलम्मि। कूवय-सव-वसहेसुं दोद्धिअ-दोहूअ-दोआला ॥ ४४७ ॥ ॥४४८॥ 3८७ For Private And Personal Use Only

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