Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 06
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 276
________________ विसयसुहं दुक्खं चिय, दुक्खपडियारओ तिगिजच्छिय व्व / तं सुहं उवयारओ, न उवयारो विणा तच्वं / // 72 // जीवा पुग्गल समया, दव्वं पएसा पज्जवा चेव / थोवा णंताणंता, विसेसमहिआ दुवेणंता // 73 // पज्जत्तापज्जत्तय, जे सुहुमा बायराय जे चेव / देहस्स जीवसन्ना, सुत्ते ववहारओ [वु?]त्ति // 74 // चत्तारि परमंगाणि, दुल्लहाणि य जंतुणो / माणुसत्तं सुई सद्धा, संजमम्मि य वीरियं // 75 // चउसय गुणप्पमाणं,-गुलमुस्सेहिंगुलाओ बोधव्वं / उस्सेहंगुलदुगुणं, वीरस्सायंगुलं भणिअं // 76 // थुला सुहुमा जीवा, संकप्पारंभो भवे दुविहा। सावराहनिरवराहा, साविक्खा चेव निविक्खा य // 77 // न सा जाइ न सा जोणि, न तं ठाणं न तं कुलं। . न जाया न मुआ जत्थ, सव्वे जीवा अणंतसो . जइ चेव कंचणोव्वलं, संजोगो णाइ संतयगयो वि। वुच्छिजई सोवायं, तह जोगो जीवकम्माणं // 79 // सूल अहिविस विसूइअ, पाणी अ सत्थग्गि संभमेहिं च / देहंतरसंक्कमणं, करेइ जीवो मुहुत्तेणं // 80 // अणथोवं वणथोवं, अग्गीथोवं कसायथोवं च। न हु भे विसस्सियव्वं, लहुयं बिजं तं बहु होइ // 81 // ओरालविउवाहार, तेअ भासाणुपाण मण कम्माइ। सुहुमा कम्मावगाहो, ऊणूणंगुल असंखंसो // 82 // चत्तारि य वाराओ, चउद्दसपुव्वि करेइ आहारं / संसारम्मि वसंता, एगभवे दुन्नि वाराओ // 83 // // 78 // 20.

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