Book Title: Shasan Samrat Jivan Parichay Author(s): Ramanlal C Shah, Pritam Singhvi Publisher: Parshv International Shaikshanik aur Shoudhnishth PratishthanPage 46
________________ शासन सम्राट : जीवन परिचय. बांधकर व्याख्यान रखा जाता था । व्याख्यान के लिए महाराजश्री ने 'भगवतीसूत्र' तथा 'समराइच्च कहा' इन दो को पसंद किया था । अहमदाबाद के इस चातुर्मास के दौरान एक ऐसी महत्व पूर्ण घटना बनी कि अहमदाबाद के श्रेष्ठी शेठ अंबालाल साराभाई का किसी सामान्य कारण से विवाद बढने पर जाति से बाहर करने की दरखास्त आई थी । तब उसमें मध्यस्थी करके महाराजश्री ने इस प्रकरण का सुखद अंत किया था । इस चातुर्मास के दौरान महाराजश्री ने पशु सुरक्षा गृह के कार्य अधिक सुदृढ बनाए । कतलखाने ले जाई जानेवाली भैसों को रोककर उन्हें पशु सुरक्षागृह में रखने में अधिक निर्वाह खर्च की आवश्यकता थी । अतः महाराजश्री ने व्याख्यानों में ऐसी हयद-द्रावक प्रार्थना की कि फौरन बहुत सा धन एकत्रित हो गया । . शेरीसा में प्राचीन प्रतिमा-अवशेषों : सुरक्षा : ____चातुर्मास के पश्चात उत्तर गुजरात में विचरण करने के पश्चात महाराजश्री का विहार अहमदाबाद की ओर था । मार्ग में कलोल शहर में डेरा डाला । उस समय कलोल के दो श्रेष्ठीयों ने उनसे . कहा कि चारेक मील पर एक शेरीसा गांव है वहां एक जैन मंदिर के प्राचीन अवशेष अस्त व्यस्त प्राप्त होते हैं । गांव में जैनों की कोई बस्ती नहीं है। महाराज श्री ने प्राचीन शेरीसा पार्श्वनाथ तीर्थ के इतिहास की जानकारी की । राजा कुमारपाल के समय में नागेन्द्रगच्छीय देवेन्द्रसूरिPage Navigation
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