Book Title: Shasan Samrat Jivan Parichay
Author(s): Ramanlal C Shah, Pritam Singhvi
Publisher: Parshv International Shaikshanik aur Shoudhnishth Pratishthan

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Page 79
________________ शासन सम्राट : जीवन परिचय. ७४ इस शत्रुजय तीर्थ की ४०० वीं वर्षगांठ अहमदाबाद में अद्वितीय ढंग से मनाई गई । बोटाद का चातुर्मासः (सं. १९८८) कोमल हृदय की गवाही: ____ महाराज श्री का वि.सं. १९८८ का चातुर्मास अहमदाबाद में निश्चित हुआ था । किन्तु बोटाद से संदेशा आया कि श्री विजयनंदनसूरि के वयोवृद्धसंसारी पिताश्री हिमचंदभाई बिस्तरग्रस्त है और उनकी आंतरिक भावना है कि महाराज श्री चातुर्मास बोटाद में करके उन्हें लाभ दें । संदेशा मिलते ही उसकी गंभीरता को और योग्य पात्र की अंतिम इच्छा का ध्यान महाराजश्री को होगया । उन्होंने दिनों की गिनती करके देखी । भीषण गरमी के दिन थे । चातुर्मास प्रवेश में तेरह दिन की देर है । सुबह शाम उग्र विहार किया जाय तो ही अहमदाबाद से बोटाद पहुँचा जा सकता है । महाराजश्री ने तत्काल निर्णय ले लिया । अहमदाबाद के श्रेष्ठियों को निर्णय बता दिया और अपने विशाल साधु संप्रदाय को आज्ञा दे दी कि शाम को बोटाद की ओर विहार करना है तीन घंटे में समग्र समुदाय तैयार हो गया । ये देखकर वंदन के लिए आए श्रावक श्राविका आश्चर्य चकित रह गए । महाराज श्री अपने समुदाय के साथ विहार करते करते निश्चित दिन बोयद आ पहुंचे । हिमचंदभाई बहुत प्रसन्न हुए । चातुर्मास प्रारंभ हुआ । महाराजश्रीने विस्तरग्रस्त हिमचंदभाई के पास नियमित जाकर उन्हें अंतिम. आराधना बहुत अच्छी तरह करवाई कुछ ही दिनों में

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