Book Title: Shasan Samrat Jivan Parichay
Author(s): Ramanlal C Shah, Pritam Singhvi
Publisher: Parshv International Shaikshanik aur Shoudhnishth Pratishthan

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Page 89
________________ शासन सम्राट : जीवन परिचय. विजयजी ने महाराजश्री को अच्छी तरह करवाया । संथारा पोरिसी की क्रियाभी अच्छी तरह हुई । संसारके सर्वजीवों के साथ क्षमापना भी हो गई । महाराजश्री की ऐसी अंतिम समयकी गंभीर बीमारी को लक्ष्य में रखकर वहां साधु साध्वी श्रावक श्राविका विशाल समुदाय में उपस्थित हो गए और सभी ने महाराजश्री के स्वास्थ के लिए नवकारमंत्र की धुन मचायी । शाम सात बजे महाराजश्री ने शांतिपूर्वक, समाधिपूर्वक देहत्याग किया । महाराजश्री ने अपने ७७ वें वर्ष में जैसे अंतिम दिन पूर्ण किया । महाराजश्री के कालधर्म के समाचार देखते देखते चारों ओर फैल गए । तदुपरांत उस रात अलग अलग नगरों के संघों को तार किया गया । चार सौ के करीब तार उस रात गए तीन सौं तार दूसरे दिन हुए । समाचार प्राप्त होते ही महाराजश्री के हजारों भक्त महुवा आ पहुंचे । वि.स. २००६ की कार्तिक सुद प्रतिपदा के दिन शनिवार के नूतनवर्ष के प्रभात में महाराजश्री के देह को डोली में बिराजमान किया गया । बेन्डबाजे के साथ भव्य पालकी अंतिमयात्रा निकाली । गांव के बहर निश्चित किए प्रमार्जित किए स्थल पर महाराजश्री के देह का अग्निसंस्कार किया गया । देह सम्पूर्ण जलते बहुत देर लगी । जिस समय चिता सम्पूर्ण जल रही थी वह महाराजश्री के जन्म समय बीस घडी और पन्द्रह पल का था जैसे उसमें भी कोई संकेत रहा हो ।

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