Book Title: Shasan Samrat Jivan Parichay
Author(s): Ramanlal C Shah, Pritam Singhvi
Publisher: Parshv International Shaikshanik aur Shoudhnishth Pratishthan

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Page 44
________________ शासन सम्राट : जीवन परिचय. ३९ के लिए इच्छित जमीन बताई । आपाभाई ने वह जमीन भेंट में देने की भावना बताई किन्तु महाराजश्री ने कहा हमें भेंट में नहीं चाहिए । शेठ आणंदजी कल्याणजी की पेढी को आप उचित मूल्य में दो । आपाभाई का भक्ति भावपूर्वक बहुत आग्रह होते हुए भी महाराजश्री ने दस्तावेज का अस्वीकार किया । अंततः दस्तावेज में महाराजश्री ने उस गांव के लोगों पर किए गए उपकार का निर्देश दस्तोवेज में करवाया जाय इस शर्त पर पेढी को जमीन बेची गई। बोदा के नेस से महाराजश्री चोक, रोहिशाला, भंडारिया, इत्यादि गांवों में विचरण करते करते पुनः चोक पधारे । उस समय एक दिन श्री उदयसूरि महाराज का स्वास्थ्य अचानक बिगड गया और वे बेहोश हो गए । कोई जानलेवा बीमारी की संभावना थी। उन्हें पालीताणा ले आए । सदभाग्य से समय पर उपचार होने से उनकी तबियत अच्छी हो गई । चैत्र महिना था अतः महाराजश्री पूनम तक पालीताणा रूके और पूनम की यात्रा कर महाराजश्री विहार करते करते वला होक र बोटाद पधारे । बोटाद के चातुर्मास के दौरान महाराजश्री ने अपने व्याख्यानों और उपदेशो के द्वारा विविध प्रकार के धर्मकार्य करवाए । एक किंवदन्ति के अनुसार बोयद के उस समय के जादूगर महमद छेल महाराजश्री से मिलने आए थे । उन्होंने एकाद जादू के प्रयोग करके महारजश्री को प्रभावित करने का प्रयत्न किया । किन्तु महाराज श्री ने स्वयं एक चमत्कार बताकर महमद को प्रभावित कर दिया और समझाया

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