Book Title: Shasan Samrat Jivan Parichay
Author(s): Ramanlal C Shah, Pritam Singhvi
Publisher: Parshv International Shaikshanik aur Shoudhnishth Pratishthan

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Page 66
________________ शासन सम्राट: जीवन परिचय. ६१ के अधिकार में हैं और उसमें हस्तक्षेप करनें का किसी को अधिकार नहीं है इसप्रकार का फैसला अदलात ने दिया । तब से कापरडाजी तीर्थ की महिमा पुनः बढ़ने लगी और अनेक यात्री वहाँ निर्विघ्न यात्रा करने आने लगे । इस तरह महाराज श्री ने कापरडाजी तीर्थ में प्राणांत कष्ट उठाकर भी पुनरुद्धार करवाया था । महाराजश्री के हाथों यह एक ऐतिहासिक कार्य हुआ । कापरडाजी से विहार करके महाराजश्री अहमदाबाद पधारे और वि.सं. १९७५ का चातुर्मास अहमदाबाद में किया । चातुर्मास के बाद वि.सं. १९७६ की पोस वद ११ ( एकादशी) के दिन अहमदाबाद से केसरियाजी तीर्थ का ६'री' पालक संघ महाराजश्री की निश्रा में निकाला गया । इस संघ के खर्च की जिम्मेदारी अहमदाबाद के शेठ श्री साराभाई डाह्याभाई ने ली थी । अहमदाबाद मे शेठ हठीभाई की वाडी में इस संघ के संघवी का सम्मान किया गया था । शेठ साराभाई ने संघ के साथ पदयात्रा करने का आग्रह रखा तब महाराजश्री ने उन्हें व्यवहारिक सूचन करते हुए कहा कि 'सम्पूर्ण संघ का आधार आप पर है अतः अतिशय परिश्रम मत कीजिए । जहाँ आवश्यक हो वहां आप वाहन का उपयोग अवश्य करें । संघ अहमदाबाद से चांदखेडा, शेरसा, तारंगा, इडर अत्यादि स्थलों पर यात्रा करते हुए चुलेवा नगर में श्री केसरियाजी तीर्थ में पहुँचा वहां उल्लास पूर्वक अट्ठाई महोत्सव हुआ । महाराज श्री संघ के

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