Book Title: Shanti Pane ka Saral Rasta
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 30
________________ मुस्कान दीजिए मुस्कान लीजिए मेरे लिए जीवन की साधना का अर्थ इतना-सा ही है जितना कि किसी वीणा के तारों को साधने का हुआ करता है। जैसे वीणा के तारों को साधने की कला आ जाए तो तार तब केवल तार नहीं रहते; तब वे वीणा के तार भी प्राणी मात्र के हृदय को शांति और सुकून देने वाला संगीत बन जाया करते हैं । वीणा के तारों को साधना आ जाए तो ये तार इनसान के हृदय को अद्भुत संगीत, अद्भुत सौन्दर्य और आनन्द का प्रकाश दे सकते हैं। जीवन को जीने के लिए न तो अन्य किसी उपमा की आवश्यकता है और न ही अपनी आँखों में कोई प्रतीक रखने की ज़रूरत है। जीवन में याद रखने जैसा केवल एक ही प्रतीक है और वह है वीणा के तार! वीणा के तारों को अगर ढंग से कसा जाए तो ही तार संगीत पैदा कर सकते हैं और अगर उन्हें अनावश्यक ढीला छोड़ दिया जाए तो वही तार जीवन के संगीत को समाप्त कर देते हैं। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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