Book Title: Shadavashyak Ki Upadeyta
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 418
________________ 360...षडावश्यक की उपादेयता भौतिक एवं आध्यात्मिक सन्दर्भ में ___नव कोटि प्रत्याख्यान- उक्त आठ कोटि पूर्वक मन से अनुमोदन करूंगा नहीं। नवकोटि प्रत्याख्यान करने वाला साधक मन, वचन और काया से न पापकर्म करता है, न करवाता है और न पापकर्म करने वाले को सम्यक् मानता है। (ii) प्रत्याख्यान के उनपचास भंग- मन, वचन और काया- ये तीन योग कहलाते हैं तथा करना नहीं, करवाना नहीं और अनुमोदन करना नहीं- ये तीन करण कहलाते हैं। इन तीन करण और तीन योग के संयोग से प्रत्याख्यान के 49 विकल्प बनते हैं, वे निम्नानुसार हैं एक करण - एक योग = नव भंग- 1. मन से करूंगा नहीं 2. वचन से करूंगा नहीं 3. काया से करूंगा नहीं 4. मन से कराऊंगा नहीं 5. वचन से कराऊंगा नहीं 6. काया से कराऊंगा नहीं 7. मन के अनुमोदन करूंगा नहीं 8. वचन से अनुमोदन करूंगा नहीं 9. काया से अनुमोदन करूंगा नहीं। एक करण - दो योग = नव भंग- 1. मन-वचन से करूंगा नहीं 2. मन-काया से करूंगा नहीं 3. वचन-काया से करूंगा नहीं 4. मन-वचन से कराऊंगा नहीं 5. मन-काया से कराऊंगा नहीं 6. वचन-काया से कराऊंगा नहीं 7. मन-वचन से अनुमोदन करूंगा नहीं 8. मन-काया से अनुमोदन करूंगा नहीं 9. वचन-काया से अनुमोदन करूंगा नहीं। एक करण-तीन योग = तीन भंग-1. मन-वचन-काया से करूंगा नहीं 2. मन-वचन-काया से कराऊंगा नहीं 3. मन-वचन-काया से अनुमोदन करूंगा नहीं। दो करण-एकयोग = नवभंग- 1. मन से करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं 2. वचन से करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं 3. काया से करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं 4. मन से करूंगा नहीं, अनुमोदन करूंगा नहीं 5. वचन से करूंगा नहीं, अनुमोदन भी करूंगा नहीं 6. काया से करूंगा नहीं, अनुमोदन करूंगा नहीं 7. मन से कराऊंगा नहीं, अनुमोदन करूंगा नहीं 8. वचन से कराऊंगा नहीं, अनुमोदन करूंगा नहीं 9. काया से कराऊंगा नहीं, अनुमोदन करूंगा नहीं। दो करण - दो योग = नवभंग- 1. मन से, वचन से करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं 2. मन से, काया से करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं 3. वचन से

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