Book Title: Shadavashyak Ki Upadeyta
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 472
________________ అంతరంగంగంగా सज्जन हृदय के अमृत स्वर * आवश्यक क्रियाओं में पाठ भेद एवं विधि भेद क्यों? * घडावश्यक के क्रम वैशिष्टय अन्तर्भूत रहस्य ? * सामायिक में उपकरणों का उपयोग क्यों? * चतुर्विंशतिस्तव में छह आवश्यकों का समावेश कैसे? 4. वन्दन कब और किन्हें करना चाहिए? 21 * गुरु वन्दन करते हुए आशातना से कैसे बचें? * वर्तमान ध्यान पद्धतियों में कायोत्सर्ग का अन्तर्भाव कैसे? * प्रत्याख्यान करते समय आगार रखना आवश्यक क्यों? * मानव जीवन के निर्माण में प्रत्याख्यान की भूमिका? KOOOK SAJJANMANI GRANTHMALA Website : www.jainsajjanmani.com, E-mail: vidhiprabha@gmail.com ISBN 978-81-910801-6-2NDI

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