Book Title: Savruttik Aagam Sootraani 1 Part 38 Nandisootra Mool evam Vrutti
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Vardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana

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Page 486
________________ आगम (४४) [भाग-३८] “नन्दी”- चूलिकासूत्र-१ (मूलं+वृत्ति:) ............ मूलं [१७]/गाथा ||८२-८४|| .......... पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र[४४] चूलिकासूत्र[१] नन्दीसूत्र मूलं एवं मलयगिरिसूरिरचिता वृत्ति: प्रत सूत्रांक दृष्टिवादेधिकार परिकमाव 1961 सू. ५७ णुओगे ?, २ कुलगरगंडिआओ तित्थयरगंडिआओ चक्कवट्टिगंडिआओ दसारगडिआओ बलदेवगंडिआओ वासुदेवगंडिआओ गणधरगंडिआओ भद्दबाहुगंडिआओ तवोकम्मगंडिआओ हरिवंसगंडिआओ उस्सप्पिणीगंडिआओ ओसप्पिणीगंडिआओ चित्ततरगंडिआओ अमरनरतिरिअनिरयगइगमणविविहपरियट्टणेसु एवमाइआओ गंडिआओ आघविजंति पण्णविजंति, . से तं गंडिआणुओगे, से तं अणुओगे । से किं तं चूलिआओ ?, चूलिआओ आइल्लाणं चउण्हं पुव्वाणं चूलिआ, सेसाई पुव्वाइं अचूलिआई,से तं चूलिआओ ५।दिट्रिवायस्स णं परित्ता वायणा संखेज्जा अणुओगदारा संखेजा वेढा संखेज्जा सिलोगा संखेजाओ पडिवत्तीओ संखिजाओ निजुत्तीओ संखेजाओ संगहणीओ, से णं अंगठ्याए बारसमे अंगे एगे सुअक्खंधे चोदस पुब्वाइं संखेजा वत्थूसंखेजा चूलवत्थू संखेजा पाहुडा संखेजा पाहुडपाहुडा संखेजाओ पा. हुडिआओसंखेजाओ पाहुडपाहुडिआओ संखेजाई पयसहस्साइं पयग्गेणं संखेजा अक्खरा अणंतागमा अणंतापजवा परित्ता तसा अणंता थावरासासयकडनिबद्धनिकाइआ जिणपन्नत्ता भावा दीप अनुक्रम [१५० -१५४] walaunary.org ~486~

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