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[ परिकर्माष्टक सम्बन्धी प्रकरण
इहां उदाहरण - तहां संकलन विषै पांच छट्ठा अंग दोय तिहाइ तीन पात्र
}५/२/३/ (चौथाई) इनको जोडना होइ तहां ६३४ ऐसा लिखि तहां पांच हार की अन्य के तीन च्यारि - अंशनि करिअर दोय हार को अन्य के छह च्यारि अंशनि करि यर तीन हार कौं अन्य के छह-तीन अंशनि करि गुणे साठि ग्रडतालीस चीवन हार भए । ग्रर अंशनि
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कौ परस्पर गुणे सर्वत्र बहत्तर श्र'ण | ऐसे भए । इहां हारनि की जोडे एक सो वासठ हार र बहत्तर अश भए तहां हार को अंश का भाग दीए दोय पाये श्रर अवशेप अठारह का वहत्तरिवां भाग रह्या । ताका अठारह करि ग्रपवर्तन कीए एक का चौथा भाग भया । ऐसे तिनका जोड सवा दोय श्राया । कोई संभवता प्रमाण का भाग देइ भाज्य वा भाजक राशि का महत् प्रमारण कौं थोरा कीजिए ( वा नि. शेष कीजिए) तहा अपवर्तन संज्ञा जाननी सो इहा अठारह का भाग दीए भाज्य अठारह था, तहां एक भया अर भागहार बहत्तर था, तहां च्यारि भया, तातै अठारह करि अपवर्त्तन भया कह्या । ऐसे ही अन्यत्र अपवर्तन का स्वरूप जानना ।
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वहुरि व्यवकलन विषै जैसे तीन विषै पांच चौथा अंग घटावना । तहां 'कल्प्यो हरो रूपमहारराशेः' इस वचन ते जाके अंश न होड, तहा एक अंश कल्पना, सो इहां तीनका अंश नाही, तातै एक अंश कल्पि |२| ऐसे लिखना इहां तीन हानि को श्रन्य के च्यारि अंश करि, अर पांच हारनि को अन्य के एक अंश करि गुणे
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अर अंशनि की परस्पर गुणे | ऐसा भया । इहां वारह हारनि विषे पांच घटाएं सात हार भए । र अंश च्यारि भए । तहां हार को अंश का भाग दीए एक अर तीन का चौथा भाग पौरण इतना फल आया ।
वरी भिन्न गुणकार विषै गुण्य अर गुणकार के हार को हार करि अंश को अंश करि गुणन करना । जैसे दश की चोथाइ को च्यारि की तिहाइ करि गुणना होइ, तहां ऐसा | | | लिखि गुण्य-गुणकार के हार अर अंशनि को गुणे चालीस हार अर
बारह श्रंश || भए तहां हार को अंश का भाग दीए तीन पाया । अवशेष का बारहवां भाग ताकी च्यारि करि अपवर्तन कीए एक का तीसरा भाग भया । मैं ही अन्यत्र जानना ।