Book Title: Samveg Rangshala Author(s): Padmvijay Publisher: NIrgranth Sahitya Prakashan Sangh View full book textPage 6
________________ समर्पण तेजस्वी था, मन चन्द्र समान विचार सागर गम्भीर था, सौम्य था, आचार वाणी अध्यात्मयुक्त जिनका जीवन सूर्य समान सुवर्ण समान निर्मल था, थी, दूसरों के लिए फूल से अधिक कोमल थे और अपने संयम की साधना में अधिक कठोर थे । उन परम पूज्य गुरुदेव, अनेक तीर्थोद्धारक महान तपस्वी, पंजाब के हर व्यक्ति के धर्मदाता, उत्तर प्रदेश के प्राण आचार्य देव श्रीमद् विजय प्रकाश चन्द्र सूरीश्वर जी महाराज को हार्दिक श्रद्धाभक्तिपूर्वक इस प्रकाश को सादर समर्पित करता हूँ । चरण रेणु पन्यास पद्म विजयPage Navigation
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