Book Title: Salaka Purush Part 1
Author(s): Ratanchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ अब अप्र का क्रम पूर्व पीठिका पहला पर्व दूसरा पर्व तीसरा पर्व चौथा पर्व पाँचवाँ पर्व छठवाँ पर्व सातवाँ पर्व आठवाँ पर्व नवाँ पर्व दसवाँ पर्व ग्यारहवाँ पर्व बारहवाँ पर्व विषयानुक्रमणिका विषय धर्मकथा / कथा / और विकथा छह द्रव्य / छह काल / विश्वव्यवस्था / कुलकर राजा महाबल / षट्दर्शन समीक्षा पृष्ठ क्रम ९ तेरहवाँ पर्व चौदहवाँ पर्व पन्द्रहवाँ पर्व सोलहवाँ पर्व १६ ३० ४६ आदिनाथ का सातवाँ पूर्वभव (राजा वज्रजंघ) आदिनाथ का छटवाँ एवं पाँचवाँ पूर्वभव ( आर्य एवं श्रीधरदेव) आदिनाथ का चौथा एवं तीसरा पूर्वभव (राजा सुविध और अच्युतेन्द्र ) भगवान ऋषभदेव का दूसरा पूर्वभव वज्रनाभि चक्रवर्ती सोलह कारण भावनाओं का स्वरूप एवं पहला पूर्वभव अहमिन्द्र भगवान ऋषभदेव के गर्भ एवं जन्मकल्याणक ९९ दीक्षा कल्याणक ११२ १२३ केवलज्ञान कल्याणक भगवान आदिनाथ की दिव्यध्वनि एवं विहार १३१ भगवान आदिनाथ की देशना १४२ ५९ सत्तरहवाँ पर्व अठारहवाँ पर्व ६८ उन्नीसवाँ पर्व ७६ बीसवाँ पर्व विषय भरतेश द्वारा दिग्विजय को प्रस्थान भरत- बाहुबली का अन्तर्द्वन्द चक्रवर्ती भरत का राज्याभिषेक बाईसवाँ पर्व तेईसवाँ पर्व चक्रवर्ती भरत द्वारा ब्राह्मण वर्ण की स्थापना एवं राजाओं को क्षात्रधर्म का उपदेश सेनापति जयकुमार और सुलोचना भरतेश कुमारों द्वारा तत्त्वोपदेश आदीश्वर की दिव्यध्वनि सुनकर भरत के पुत्रों को वैराग्य तीर्थंकर आदिनाथ के द्वारा मुक्ति का मार्ग एवं मोक्षकल्याणक ८९ इक्कीसवाँ पर्व भरतजी का वैराग्य एवं प्रजा को संदेश द्रव्यदृष्टि का स्वरूप क्या पर्याय दृष्टि के विषय में शामिल है ? चौबीसवाँ पर्व द्रव्यदृष्टि का विषय पृष्ठ १५८ १७० १८६ १९६ २०४ २१५ वि २२३ प २३१ २४२ २४७ २५७ २७० या नु णि का सर्ग

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 278