Book Title: Rajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 02
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Prachin Sahitya Shodh Samsthan Udaipur
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(७) दसकुमार प्रबन्ध । शिवराम पुरोहित । सं० १७५४ मार्गशीर्ष शुक्ल १३ मंगलवार।
आदि
श्री मन्मेघाभिधानाय मत्प्रशास्त्रे नमाम्यहं ।
गणेशाय सरस्वत्यै - कथा-बोधः प्रदीयतां ॥ दूहा-नाम लियै नव निधि सधै, वः ज्ञान गुन भेव ।
खल खडन मंडन सुरिधि, विघन विहडंन देव ।। १ ।। संकट परे सदा मजे, हरिहर ब्रह्म सुरेस । विधन हरन सब सुख करन, चंदू हैं गनेस ।। २ ॥ मेघ नाम गुरु के चरण, शरण गहुँ सुख दैन । कविता दाता भजन तै, ध्यान धरै चित चैन ॥ ३ ॥
९ वें पद से ६१ पद्य तक बीकानेर के राजाओ की ऐतिहासिक वंशावली एवं वर्णन है। उनमें से कुछ पद्य जो ग्रन्थ और ग्रन्थकर्ता के सम्बन्ध मे है, नीचे दिये जाते है।
अथ श्रीमतां राठौराभिधानजातीनां महन्महीपालानां वंशवर्णनं ।
धरा न भूप अनूप सम, सब विधि जाण सुजाण । दीन्हो कवि सिवराम कुँ, सदन घसन धन धान ।। ५० ॥ वास वसायो नूप नृप, अपने दे सुभ धाम ! घासी महिपुर नगर को, प्रोहित कवि सिवराम ॥ ५१ ।। सनि सनेह सिवराम सौं, मरुधरेस महा भूप । देख निदेस इहै दयो, अद्भुत कथा अनूप ।। ५२ ।। बुधि बल नीति सहास रस, सुनतं सुखद श्रुति होइ । दस कुमार भाषा कथा, यथा विरुष रुचि होइ ।। ५३ ।
घरस वेद सर सात भू', सित पख अगहन मास । मंगर चार त्रयोदसी, कथा जनम दिन जास । ६१ ।।
अन्त
इति श्री मन्महाराजधिराज महाराज] श्रीमदनूपसिह नृपानया प्रोहित सिंवराम विरचिते दसकुमारप्रबन्धे एकादस प्रभाव विश्रुतचरितम् संपूर्ण।