Book Title: Rajasthan me Hindi ke Hastlikhit Grantho ki Khoj Part 02
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Prachin Sahitya Shodh Samsthan Udaipur

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Page 200
________________ महत्वपूर्ण साहित्य राजस्थान में हिन्दी के हस्तलिखित ग्रन्थों की खोज भाग - १ मेवाड़ के सरस्वती-भण्डार में स्थित १७५ महत्वपूर्ण हस्तलिखित ग्रन्थों की २०१ प्रतियों के विवरण इसमे दिये गये हैं । इस ग्रन्थ से प्रसिद्ध साहित्यकारों के २६ नवीन ग्रन्थों, ४४ नवीन ग्रन्थकारों तथा उनके ५० ग्रन्थों की खोज हुई है। डॉ० हीरानन्द शास्त्री, डॉ॰ श्यामसुन्दरदास, डॉ० रामकुमार वर्मा, पं० अमरनाथ झा, डॉ० गौरीशंकर हीराचन्द ओझा, पं० क्षितिमोहन सेन, दी० ब० हरविलास शारदा, विश्वेश्वर नाथ रेड आदि द्वारा प्रशंसित । - लेखक – श्रीयुत पं० मोतीलाल मेनारिया एम० ए०। ४+६+४+२०+ १८२ पृष्ट | मूल्य तीन रुपया । मेवाड़ की कहावतें भाग - १ राजस्थानी कहावत माला की यह पहली पुस्तक है । इसमें १०३९ राजस्थानी कहावतें सम्पादित की गई हैं। भूमिका लेखक डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल एम० ए० । सम्पादक -श्रीयुत पं० लक्ष्मीलाल जोशी एम० ए०, एल- एल० बी० । १०+ १६+२००+८ पृष्ठ । मूल्य दो रुपया । मेवाड़-परिचय मेवाड़ के भूगोल, इतिहास, शासन-पद्धति, संस्कृति, भाषा, साहित्य तथा मेवाड़ की प्रगति के लिये किये गये विविध प्रयत्न और मेवाड़ के रमणीय एवं दर्शनीय स्थानों की जानकारी के लिये यह पुस्तक परम उपयोगी है । लेखक - श्रीयुत विपिन विहारी वाजपेयी, एम. ए., सा० २० । ६+६८ पृष्ठ मूल्य आठ आना । • शोध-पत्रिका १ - अपने विषय के मान्य विद्वानो के सम्पादन में प्रकाशित होती है । २ - शोध-पत्रिका को भारतवर्ष के कई प्रमुख शोधकर्ताओं का सहयोग प्राप्त है । ३–शोध-पत्रिका का प्रत्येक निबन्ध एक शोधपूर्ण पुस्तक का महत्व रखता है । ४–प्रत्येक संस्था, विद्यालय, वाचनालय, पुस्तकालय और घर में स्थान पाने योग्य है। ५- वार्षिक मूल्य छः रुपये । एक अंक का डेढ़ रुपया । पृथ्वीराज रासो का प्रामाणिक संस्करण १ - विस्तृत खोजपूर्ण भूमिका, शब्दार्थ, पद्यार्थ और आवश्यक मानचित्रों सहित प्रकाशित होगा । २-२२+२९।८ आकार के लगभग २५०० पृष्ठों में खण्डशः प्रकाशित होगा । ३ - सम्पूर्ण रासो का मूल्य ४०) रु० होगा; किन्तु ५) रु० अग्रिम भेज कर ग्राहकश्रेणी में अपना नाम लिखवा लेने से ३०) रु० मे मिल जायगी । ४- ढाक अथवा रेलव्यय ग्राहकों के जिम्मे होगा । ५- सम्पादक - श्रीयुक्त कविराव मोहनसिह, प्रसिद्ध रासो - तत्वज्ञ | ६ - विशेष ज्ञातव्य के लिये प्राप्त कीजिये -- रासो - विज्ञप्ति | प्राचीन साहित्य शोध-संस्थान उदयपुर विद्यापीठ, उदयपुर [राजपूताना ]

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