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एक आदमी तो बोल उठा-'वाह! स्त्री-पुरुष की रचना करते समय ब्रह्मा ने अपनी अद्भुत कला से इस जोड़ी की रचना की है! जैसे चांद रात से और रात चांद से शोभित होती है वैसे ही ये दोनों एक-दूसरे से शोभित हो रहे हैं।'
___ लुटेरे काली माता को नमन कर पद्मदेव और तरंगलोला को साथ ले आगे बढ़े। एक अति सुंदर जोड़ी आज पकड़ी गई है, यह समाचार सुनते ही स्त्री-पुरुष अपने-अपने गुफा-गृह से बाहर निकल कर इस विचित्र जोड़ी को देखने मार्ग पर खड़े हो गए थे।
पद्मदेव ने देखा कि इस भूगर्भ पल्ली में और भी अनेक बंदी स्त्री-पुरुष हैं....... वे स्त्रियां इस सुंदर युगल को देखकर रोने लगी...... मानो कि यह युगल उनका अपने ही परिवार का हो!
लुटेरों की टोली के बीच पद्मदेव और तरंगलोला शांत भाव से चल रहे थे। इतने में ही एक जवान, सुडौल, सशक्त और सुंदर स्त्री आगे आकर दस्यु टोली के नायक से बोली-'अरे! इस युगल को घड़ी भर के लिए यहां खड़ा रख। यह चंद्र जैसा जवान पुरुष तो सात भवों में भी देखने को नहीं मिलेगा। लुटेरों की स्त्रियां इस कामदेव जैसे रूप-रंग वाले नौजवान को देखकर धन्य बनीं।' फिर उसने पद्मदेव की ओर नजर डालकर कहा-'अरे! तू हमारी ओर देख तो सही। तेरा सुंदर रूप बहुत मनमोहक है।'
इस प्रकार पद्मदेव को देखकर अनेक स्त्रियां मोहांध बन गई थीं। इसी प्रकार जवान पुरुष भी तरंगलोला के दिव्य रूप से पागल हो गए थे।
लुटेरों की टोली आगे बढ़ रही थी। एक दस्यु ने अपने साथी से कहा-'मुझे तो प्रतीत होता है कि हमारा सरदार इस पुरुष को मारकर इस नारी को अपनी घरवाली बना लेगा।'
ये शब्द सुनकर तरंगलोला कांप उठी। उसने सोचा-क्या मेरे कारण मेरे प्राणेश्वर के प्राण ये पापी लोग लूट लेंगे? रुके हुए आंसू पुनः आंख-कमल से प्रवाहित होने लगे। और लुटेरों की वह टोली एक गुफागृह के पास आकर खड़ी रह गई। वह गुफागृह इनके सरदार का था। इस टोली का नायक दोनों को भीतर ले गया। पद्मदेव ने देखा कि एक प्रौढ़ मनुष्य शय्या पर बैठा-बैठा हुक्का पी रहा है। उसकी काया ताम्रवर्ण की थी। उसकी भुजाएं प्रचंड और आंखें रक्त थीं। एक ओर मदिरा के भांड पड़े थे और वह कमलपत्र के व्यजन से हवा ले रहा था।
चार-पांच चांडाल दूर बैठे थे और विविध प्रकार के शस्त्र वहां पड़े थे। तरंगलोला और पद्मदेव ने कांपती काया से प्रणाम किया...... और जैसे बाघ मृगयुगल पर दृष्टि डालता है वैसी ही दृष्टि डालते हुए सरदार ने टोली के नायक को धन्यवाद देते हुए कहा-'शाबाश! क्या जोड़ी लाए हो! हम काली मैया को इस युगल की बलि देकर प्रसन्न करेंगे... ऐसी सुंदर जोड़ी के बलिदान से मां ११४ / पूर्वभव का अनुराग