Book Title: Punyadhya Charitram
Author(s): Vardhamansuri
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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________________ 0909919999999999999999 पुण्यालय चरित्रं 1971 सान्वय भाषान्तर 197 अर्थः-करेला छे अनुपम मंगलकार्यो जेणे, तथा निर्मल बुद्धिवाळा, अने दानवडे दीन जनोने तारनारा, एवा ते केशव रांजाए पोताना मेहेलमा (आवीने) पारणुं कर्यु. // 477 // . .: प्रतापाकान्तसीमालभूपालः पालयन्प्रजाम् / स राज्यं न्यायनैपुण्यहृष्यन्मन्त्रिजनोऽतनोत्॥४७८॥ अन्वयः-प्रताप आक्रांत सीमाल भूपालः, न्याय नैपुण्य हृष्यत् मंत्रिजनः सः प्रजां पालयन् राज्यं अतनोत्. / / 478 // अर्थः-पराक्रमी जीतेला छे सीमाडाना राजाओने जेणे, तथा न्यायनी चतुराइथी खुशी थता छे मंत्रिलोको जेनाथी, एवो ते केशवराजा प्रजार्नु पालन करतो थको राज्य करवा लाग्यो. // 478 // . कदाचित्पितुरुत्कण्ठामाप भपो गवाक्षगः / ददर्श च पथि श्रान्तं भुवि यान्तं यशोधनम् // 479 // अन्वयः-कदाचित् गवाक्षगः भूपः पितुः उत्कंठा आप, च पथि श्रांतं भुवि यांतं यशोधनं ददर्श. // 479 // अर्थः-(पछी) एक दिवसे झरुखामा बेठेलो ते केशवराजा (पोताना) पिताने (मळवानी) उत्कंठा करवा लाग्यो. (एवामा) 01318Islalalalalalalalalalalalalalalala Jun Gun Aaradhak Trust PP.AC.Gunratnasuri M.S.

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