Book Title: Punyadhya Charitram
Author(s): Vardhamansuri
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 211
________________ सान्वय पुण्यादध चरित्र 1210 // भाषान्तर 210 Bellella - अर्थ-पाटे (है) धर्मामा सूर्य उग्याचांद जिनेश्वरप्रभुनी पूजा करीने (तारा) शरीरेना रोगना नाशमाटे (d) ते आ फलनो आहोर कर. / / 506 // इत्युदित्वा तिरोभूते सुरे दध्यौ नरेश्वरः। अहो जीवन्मृतोऽपीभः कियन्मय्युपकारकः // 507 // अन्वयः इति उदित्त्वा मरे तिरोभूते नरेश्वरः दध्यौ, अहो इभः जीवन्मृतः अपि मर्यि किया उपकारक // 207 // विभिर्विशेषकी अर्थः-एम कही (त) देव अदृश्य थयाबाद (ते) राजाए विचायु के. अहो ! (आ) हाथीए जीवाथका तथा मृत्युवाद पण माफिर केटलों बंधों उपकार कर्यो / 507 / / विभिविशेषक तदस्य नागनाथस्य नाम्ना धाम जिनेशितुः। कारयिष्याम्यनशनस्थाने कैलासशैलवत्॥ 508 // * अन्वय:-तत् अस्य नागनाथस्य नाम्ना अनशन स्थाने कैलासशैलवत् जिनेशितु धाम कारयिष्यामि // 4 // अर्थ-माटे ओ हस्तिराजनां नामथी तेना अनशननी जगोए कैलास पर्वत जैh (उचुं) जिनमंदिर (है) करीबीच.५४॥ SECTONENEIGO 0000000000000 PAINManasalaman

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