Book Title: Prapanchasara Sangraha
Author(s): Giryanendra Saraswati
Publisher: Giryanendra Saraswati

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Page 713
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir वोक्तधन्वंतरिविधानारप्पाहर्तर्यमा तिपंचामतमन्त्र विधि:समाप्त॥अथअर्धनारीश्वरचिंतामणिमन्नविधान मच्यते॥काश्यायऋषिःअनुष्टुपछंदः उमेशोदेवता।अईनारीश्वरोबा देवता।वीज ॐशक्ति: हृदयंकंशिरःषांश खामंकवचंरनेत्रं यंअस्त्रं ॥ध्यान।अहिशशिधरगंगावडतुंगाप्तमौलिस्त्रिदशगणनतांधिस्वीक्ष्यास्त्री विलासः || जगपरशुशलानखगंवन्हीकपालेशरमपिधनरीशीविभ्रव्याधिरंवः। उमेशपक्षेदध्यानम्॥अर्धनारीश्वर ॥ पसेततध्यानांतरम्॥हावभाव ललिताना रिकंभीषणार्समयवामहेश्वरम।पाशसोत्यलकपाता लिनंचिंतये | जपविधीविभूतये॥ध्यानांतरम्॥अथवाषोउशशुलाग्रभुजात्रिनयाहि नडागी॥अरुणांशुकालेपनवान, रणाचभगवतीध्येयाइतक्रूरप्रयोगेध्यानम्॥रसमें इतिमन्चः अनलकषमरेफप्राणसवातवाम श्रुतिहिम रुनिखंडैमजितोमत्रराजः॥रतिमत्रोसारः॥२॥कषामाराया जाएतेषांवर्णानांसंयोगेनवीजानष्यतिः। सर्वकामफलफलप्रदोमन्त्रः॥मूकानांवासिद्दिपसलसंजपेत्॥त्रिमधुरा स्तिलतंडुलैशायुतंदुतत्पुर श्वर णहोमः। अथपूजाप्रासादोक्तपीठेसमावा ह्यसमर्चयेत्॥पूजाविपिस्तद्वेधातिवप्रथमो विधिः। अंगे:प्रथमार| निःाररपायनमःसंक्षेवपालायनमःचंचंडेश्वराय इंदुर्गायैनमःममाहाकालायन नंनंदिनेन गंगणेश्वराया For Private And Personal

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