Book Title: Prakrit Vigyana Pathmala
Author(s): Opera Jain Society Sangh Ahmedabad
Publisher: Opera Jain Society Sangh Ahmedabad
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४०६
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१७८
डल्ल डिम्भ ढक्क ढण्ढल्ल ढण्ढोल
१८५
१६२ १८५
पिब् १० । संस् १९७ छद् २१ भ्रम् १६१ गवेष १८९ आङ्-रभ् १५५ वि-वृत् ११८
गर्न ९९ गवेष. १८९ भ्रम् १६१
२०२
ढंस ढिक्क
११६
ढुण्दुल्ल टुण्डुल्ल
छिद्
दुस णज्ज
१२४ १६२ १७८ १८५
ज्ञा
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मुच जिल्लूर णिवह णिवह
पिष् णिव्वड णिबर कथ णिव्वर णिवल मुच् णिवा वि-श्रम् णिव्योल कृ णिहुव कम् णिहोड
नि-वृ णिहोड नि-पत् णिसुढ नम् णी गम् णीण ,
२५२
१५०
णिवह
छिद्
१२४
णव्व
२५२ णिआर णिउड्ड मज्ज १०१ णिच्चल पिच्छल्ल छिद् णिज्झर क्षि णिज्झोड छिद् १२४ णिटटुअक्षर १७३ णिटुह वि-गल् १७५ णिठ्ठह कृ
६७ णिम नि-अस १९९ णिम्मह गम् १६२
* Age
१६२
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