Book Title: Prachin Stavan Jyoti
Author(s): Divya Darshan Prakashan
Publisher: Divya Darshan Prakashan

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Page 11
________________ (५) श्री सुमती नाथ जिन स्तवन (१) सुमती नाथ गुणशुं मिलीजी - (२) सुमती नाथजी अर्ज उचलं - (३) तारू ध्यान घरे मस्तान मने - (४) सुमति जिन तुम चरणे चितदीनो (६) श्री पद्मप्रभु जिन स्तवन (१) पद्मप्रभु प्राण से प्यारा - (२) हो अविनासी, शिववासी - (७) सुपार्श्व जिन स्तवन (१) श्री सुपास जिन वंदिये (२) क्युं न हो सुनाई स्वामी - (३) श्री सुपास जिन साहिबा -- (८) श्री चन्द्रप्रभु जिन स्तवन (१) चाह लगी जिन चन्द्रप्रभु की (२) जिनजी चन्द्रप्रभु अवधारो के (३) चन्दा प्रभुजी से ध्यान रे (४) हारे मारे चंद्रवदन जिन (५) जीयारे चन्दा प्रभुजी को (8) सुविधि नाथ जिन स्तवन (१) में कोनो नहीं (२) ताहरी अजबशी योगनी मुद्रा रे ,

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