Book Title: Prachin Stavan Jyoti
Author(s): Divya Darshan Prakashan
Publisher: Divya Darshan Prakashan
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(५) तुमे तो भले बिराजोजी (६) प्रथम जिनेश्वर प्रणामी अ
(७) हां हां गुण गाऊं गा
(८) आदि जिनंद मनाया
(ह) जगजीवन जगवाल हो (१०) दादा आदीश्वरजी
(११) बालूडो निःस्नेही थइ गयोरे
(१२) शेडुंजा गढना वासी रे
(१३) शांति समता शुद्ध तारी (१४) तुम अदिजिनंद मरुदेवानंद
(१) अजित जिणंदरां प्रीतडी
(२) प्रीतडी बंधाणी रे
(३) पंथडो निहालुं रे
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(२) श्री अजित जिन स्तवन
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(१) साहिब सांभलो रे
(२) संभव जिनवर विनती
(३) संभव जिनराज सुखकंदा
(४) श्री संभव जिन स्तवन
(४) श्री अभिनन्दन जिन स्तवन
(१) अभिनन्दन जिन दरिसण तरसीये (३) तमे जोजो जोजो रे
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