Book Title: Prachin Madhyakalin Sahitya Sangraha
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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प्राचीन मध्यकालीन साहित्यसंग्रह अत्थ महरवाणं सुसमणवषाण कहाण निव्वाणं, पीए मोहरवाणिं पउ पणमामि दूसगण. २३ तव-नियमसच्चसंजम-विणय-अज्जवखंति सुंद्दवरयाणं, सीलगुणगंदीयाणं अणुगे जगपहाणाणं. २४. सुकमालकोमलतले तेसिं पणमामि लखपसथे, पावय पावणेणं पांडत्थग सए पणवीए. २४ जे अन्ने भगवंते कालीयसूअअणोगे धीरे,
ते पणमीउण सरसा नाणस्स परूवणं वुत्थं. २६ - इति थिरावलीया समतं. (मुनि जशविजयसंग्रह, २ पत्रांक प्रति)
[जैनयुग, असाड-श्रावण १९८६, पृ.४८९-९०]
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