Book Title: Prachin Madhyakalin Sahitya Sangraha
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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७०२
उछ्व ११.४ उत्सव
उछाह ४.८ उत्साह, उमंग
उछाह ३१.१९ उत्साह, उमंग, (अहीं) उमंगभर्यो अवसर, उत्सव
उजमाल १७.११ उद्यमवंत, प्रयत्नशील, तत्पर उजा २४.२५ दोडी जवुं (सं. उद् + या) उजाड १९४.१७ वेरान जग्या
उट २०७.२७
उट १७.७ आडश
उठ ८४.१ साडा त्रण (सं. अर्धचतुष्ठ) उडसाला ११०.२० एक वस्त्रप्रकार उणिम १३२.१७ ऊणप, खामी उत १५८.७ त्यां (हि.)
उत्तर २४५.५ पछीनुं, अवान्तर
उदभट्ट २८०.१४
उदंबरी ११०.१४ वाद्यविशेष (सं. उदुम्बरी ?) उदार ८०.२६ अद्भुत, सुंदर (सं.) उद्गार १३२. ३ मुखनी बहार काढवं ते, वमन
(सं.)
उद्धाया २६१.१० उद्धाया
उन्मा- ८८.२२ उन्माद करवो, पागलनी जेम वर्तवुं उन्माद १३१.२९ कोयलना पंचमस्वरनो एक गुण उपकंठ १०.१२ कांठे, पासे (सं.)
उपगारी ३७.२७ उपकारी
उपन्नउ ७.२८ उत्पन्न थयो उपयोग ४०.२२
उपरोध ५१.४ अनुरोध (सं.) उपसर्ग ३५.५ तपश्चर्यामां आवतां विघ्न
उपंग १५८. ११ एक वाद्य (सं.)
उपाधि १८३.२६
उपाय ५. १९ उत्पत्ति (सं. उत्पाद, प्रा. उप्पाय ) उभग- १७१.१६ अरुचि अनुभववी, कंटाळवं (सं. उद् + भंज्)
उभड २१.१६ उद्धत,
उमेदवारी २६२.२८ होंश होवी ते
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प्राचीन मध्यकालीन साहित्यसंग्रह
उम्मूल २५०.६ उखेडी नाखवुं (सं. उन्मूल्) उयर १६७.२९ उदर, पेट
उर २६९१२ अने (हिं. और)
उर १९९.२८ अने (हि. और; सं. अवर) उलख - ४.२२ ओळखवं
उलग ३२.११ सेवाचाकरी (दे. ओलग्गा, कन्नड ऊळिग)
उलंठ ६.१६ उद्धत, अविनीत, घमंडी (सं. उल्लंठ)
उलाल - २६१.१४ छीनवी लेवुं, उपाडी जवुं उलि ६७.२५ हार, श्रेणी (सं. आवलि) उल्लस १७०.१३ प्रगटवुं (सं.) उवज्झाउर १६७.१३ अयोध्यापुर उवज्झाय ८४.७ उपाध्याय, जैन साधुनुं एक पद उवयार १६९५ उपकार
उवर १६७.१७ उदर, पेट
उवस २४९,१ उज्जड, वसतीरहित (सं. उद्वस) उवसम २६४.१४ उपशम, क्रोधनो अभाव, क्षमा उवसंताप ११२.६ संताप (सं. उपसंताप) उवायां २६१.१०
उसासतां २५७.१८ अशाश्वत, अनित्य उहरी ६४.५
उहिनाणी ३८.१८ अवधिज्ञानी
उंगरि ११०.१५ वाद्यविशेष
उंबराउ २६८.४ उमराव
ऊअर ६४.२ उदर
ऊगटि ७२.१९ सुगंधी पदार्थोनो लेप, अंगराग (सं. उद्वर्तन)
ऊनह-२०.१४ ऊंचे चडी आववुं ऊपन-३०.१४ उत्पन्न थवुं ऊमनउ ३१.९ उद्विग्न (सं. उन्मन) ऊमाह ६.२६ उमंग (दे. उम्माह) ऊमाह - ५३.२६ उत्साहित थवुं ऊवेख- ९.२१ उवेखवं, उडाडी मूकवुं, फेंकी देवं
(सं. उत्क्षेप)
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