Book Title: Prachin Madhyakalin Sahitya Sangraha
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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७००
प्राचीन मध्यकालीन साहित्यसंग्रह अंघोल-७२.१७ नवडाव,
आधोरण ५५.५ हाथीनो महावत (सं.) अंजनवान ५२.२८ काजळना वर्णना, काळा आन २६८.८ आण, सत्ता अंजनीनंदन २२.२५ अंजनीनो पुत्र, हनुमान आपणपई ५१.१७ आपणे, पोते अंत १३१.२४ १३१.२६ भाग, छेडो (सं.) आपण' ८७.१४ आपणापणुं, पोतापणुं (सं. अंतरि ४.१४ अंतरे, दूरे
__ आत्मन् + त्व) अंतरि ५.६ वच्चे
आपापणा २१.१९ पोतपोताना अंतेउरी ५३.४ अंत:पुरनी राणी
आमय २४८.२६ रोग (सं.) अंबरख्यापक ७३.११
आमला २४८.३० वळ ? गांठ ? अंबावन ७०.१२ आंबानुं वन (सं. आम्रवन) आमलो ९१.१५ रीस अंबावि २५१.२८ अंबादेवी
आमासांहमा १३६.१७ आमनेसामने, सामसामे अंबिली २२३.१ आंबली- झाड
आमूल ५.१९ मूळथी, पहेलेथी (सं.) अंभ २५४.१९ वादळ (सं.)
आरउ २७८.२८ जैन काळविभाग अंभ १००.१७ पाणी (सं.)
आरण ५०.१३ एक देवलोक आइस ६७.११ आदेश, आज्ञा
आरत २४८.२६ पीडा (सं. आर्ति) आउखउं ३१.२० आयुष, आयऱ्या
आरति १९५.२४ दुःख, पीडा (सं. आर्ति) आका-भुवण २३०.७
आरहिडिउ २७५.३ आकुल-५७.४ व्याकुळ थर्बु
आराधिक १७३.८ आराधक, मोक्षनो साधक आकुली ४५.२९ ५६.२ अकळायेली, व्याकुळ | आराम ११२.७ आकु सामी २३०.१
आराम जुओ कदली-आराम आखंडलमान २६७.२९ समग्र भूमंडलना मापे, आरास २३६.२६ आरसनो पथ्थर समग्र भूमंडल सुधी
आराह-२५७.२३ भक्ति करवी (सं. आराध) आघाट २५४.२० चारे सीमा नक्की करीने (सं.) आराह १५.९ आराध, सेवा करवी, भक्ति आधी ९.२२ आगळ, पासे (सं. अग्र) आजने २६१.२
आरूण ७६.२४ अरुण, लाल (सं.) आठव-१६३.२३ धरवू, मूकवू, गोठवq (सं. | आर्भटी २०.११ आस्थावय्)
आभट्टी २६.८ आड १५२.१५ कपाळमां करवामां आवती रेखा | आल १९.६, २७.२० अटकचाळु, अनुचित आणंदणी २०२.८ आनंद आपनार
चेष्टा - वर्तन आथ १६५.२ शस्त्र (सं. अस्त्र, प्रा. अत्थ) आल ८.१ आळ, मिथ्या आरोप, तहोमत आदल २६०.१७ आदिनाथ, ऋषभदेव
१६२.१५ मिथ्या वचन (दे.) आदला ६७.१७
आलति ६.६ आलाप ? (सं. आलप्ति) आदिल २३०.५ आदिनाथ, ऋषभदेव
आलव-५४.१७ आलाप करवो, गावं (सं. आ + आदि देइ २७७.१५ वगेरे
लप्) आधान ७.७ गर्भधारण
आलविणि ११०.१४ एक प्रकारनी वीणा (सं. आधोआधि २७६.२६
आलापिनी)
करवी
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