Book Title: Prachin Madhyakalin Sahitya Sangraha
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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शब्दार्थ
७२७
फुलेल ७६.१७ सुगंधीदार तेल (सं. फूल तैल्य) | बंदीओ २८.१४ बंदीजन, चाकर फूदीचु १३१.२२
बंधी २६०.१३ बंदीवान, केदी फेर १७.२७ फरता, आजुबाजु, तरफ बंभगुत्ति २६४.१७ ब्रह्मचर्यना रक्षण माटेना फोग १५१.८ वृक्ष ?
नियमो, शीलनी वाड (सं. ब्रह्म+गप्ति) फोफली ५२.१२ सोपारीनं झाड (सं. पगफली) | बंभण ३७.२० ब्राह्मण फोर ८७.१६ फोल्ला ?
बंभंड ६८.१३ ब्रह्मांड, विश्व फोर-२६८.२ निरंतर प्रवर्तवू ?
बाकरीवा-६६.२४ चडसे चडवू, वेर बांधवू फोरव-२४.९ प्रगट करQ (सं. स्फुर परथी) बाकुल, बाकुला २५३.२६,२८ बाकळा, बकुल-विकाशन ५२.२७
बाफेलां कठोळ, मेलां देवदेवीओने धरावातं बगस-२७०.२३ आपq, भेट धर,
नैवेद्य बगसीस २७२.६ २७३.१४ भेट
बादर १७०.११ स्थूल, आंखें देखाय तेवा जीव बत्रीस बद्ध ४७.११ बत्रीस पात्रोथी निबद्ध बाध-१७०.२१ बद्ध थq (नाटक)
बाधा २७६.१५ (शारीरिक) तकलीफ बदरा २५३.६ एक प्रकारचं सोनाना| बानिक १५४.१ बदरी ९९.१३ बोर (सं.)
बापीयडा ५६.१२ बपैयो बधार-बंधार २७५.२८
बार १५९.१६ बाल, संतान (हि.) बध्धा-२७०.२६ वधारवं
बारी ६७.११ द्वार, दरवाजा बयत २७२.२६
बालप्पण २६४.१३ बाळपण (सं. बालत्वन) बयन ७७.११ वचन (हिं)
बालीय १०९११ बाला, स्त्री बल २६०.२१ बलि राजा
बावनाचंदन ७०.१२ एक ऊंची जात, चंदन बलिया १५४.६ बलोयां, बंगडी
बावीसवटा २०८.८ बावीस जिनप्रतिमानो पट्ट ? बलिहारी जा-३६.१३ वारी जq
बासन २७३.६ बस २७५.२१ वास
बाह २२४.१५ बाहु, हाथ बहत्तरि १६८.१५ बोंतेर
बांह १६२.१ बाहु बहिनि १०.६ बहेन (सं. भगिनी)
बांहडी ६५.२५ बाहु, हाथ बहिबह-२२४.१६ बहेकवू, सुगंध प्रसारवी बांहि ५१.५ हाथ (सं. बाहु) बहिरखा ७२.२५ बेरखां (सं. बाहुरक्षका:) बिडार २६९.१८ विदारवू, हत्या करवी २२४.१५ कांडाना घरेणां
बिदा २७६.२५ विदाय (हि.) बहुत्तरि २०३.१८ बोंतेर (सं.)
बिभाति २७६.२४ बहूली १५.८ बहोळी, खूब
बिमणिम ६६.३ बमणुं बहूविह २०३.१९ बहुविध, अनेकविध बिरदावली ३.१४ स्तुति, प्रशंसा बहोल २६०.२९ घणुं (सं. बहुल) ? बिसरा २२४.२७ बे-सेरवाळा बंदि, बंदी ३.१३, २२९.११ प्रशस्ति गानारा, बिहु २४.३ बन्ने (सं. द्वि+खलु) भाटचारण (सं.)
बीछह २६१.१८ वियोग, जुदाई बंदी १५१.१७
बीजपुर २२४.१४ बिजोरुं, लींबुना वर्ग- एक
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